व्हाइट पॉयजन चीनी और नमक,मैदा :-
चीनी को फूडलेस फ़ूड कहा जाता है। इसमें एम्पतटी कैलोरी तो होती है लेकिन कोई विटामिन या मिनरल नहीं होते है , जो मानव शरीर के लिए आवश्यक होते है। चीनी का अधिक मात्रा में सेवन करने से मोटापा और डाइबिटीज का खतरा बढ़ जाता है, जिसके कारण आगे चलकर हार्ट अटैक, कैंसर, ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएँ हो सकती है।
कितनी हानिकारक होती है सफेद चीनी
सफेद चीनी को रिफाइंड शुगर भी कहा जाता है। इसे रिफाइंड करने के लिए सल्फर डाई ऑक्साइड, फ़ास्फ़ोररिक एसिड, कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड और एक्टिसवेटेड कार्बन का उपयोग किया जाता है। रिफाइनिंग के बाद इसमें मौजूद विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन्स, एन्जाइम्स और दूसरे लाभदायक पोषक तत्व नष्ट हो जाते है , केवल सुक्रोज ही बचता है और सुक्रोज की अधिक मात्रा शरीर के लिए घातक होती है।
चीनी अधिक खाने के नुकसान
आधुनिक अनुसंधानों में यह बात सामने आई है की अत्यधिक मात्रा में चीनी का सेवन वसा के सेवन से अधिक घातक और नशीले पदार्थ हेरोइन से अधिक व्यसनकारी हो सकता है। अधिक मात्रा में चीनी के सेवन से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती है। चीनी की अधिकता के कारण मेटाबॉलिज्म से संबंधित रोग जैसे कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर, इन्सुलिन रेजिस्टेलस और उच्च रक्तदाब हो जाते है।
चीनी का अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट पर वसा की परतें अधिक मात्रा में जमती है। अत्यधिक चीनी हमारे शरीर में एकत्र हो जाती है, इसके कारण मोटापा, दांतो का सड़ना, डाइबिटीज और इम्यून सिस्टम ख़राब होने जैसी समस्याऐ हो जाती है। चीनी का अधिक सेवन शरीर में कैल्शियम के मेटाबॉलिज्म को गड़बड़ा देता है। चीनी आपके बालों, हड्डियों, रक्त और दांतों से कैल्शियम सोख लेती है। अधिक मात्रा में चीनी हमारे पाचन तंत्र को भी प्रभावित करती है।
शुगर के अधिक सेवन से शरीर में विटामिन बी की कमी हो जाती है और तंत्रिका तंत्र पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। रिफाइंड शुगर के कारण मस्तिष्क में रासायनिक क्रियाएँ होती है जिससे ह्यसेरेटोनिनह्ण का स्त्रावण हो सकता है जो हमें अच्छा अनुभव करवाता है, लेकिन थोड़ी देर बाद ही हम थका हुआ, चिड़चिड़ा और अवसाद ग्रस्त महसूस करते है।
चीनी के विकल्प
आप चीनी जितनी कम खाएंगे उतने ही स्वस्थ रहेंगे। वैसे डाइबिटीज से पीड़ित लोगो को चीनी का सेवन करने से बचना चाहिए उन्हें प्राकृतिक रूप से मीठी चीजों जैसे फलो आदि का सेवन करना चाहिए। स्वस्थ लोगो को भी चीनी के बजाय गुड़, शहद , फलो के जूस, फलो आदि का सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से चीनी की तुलना में रक्त में शुगर का स्तर अधिक तेजी से नहीं बढ़ता है। शहद चीनी का सबसे बेहतर प्राकृतिक विकल्प है , इसमें केवल ग्लूकोज नहीं होता है बल्कि कई मिनरल्स और विटामिन्स भी होते है।
नमक
नमक को टेबल सॉल्ट्स भी कहा जाता है। नमक का सेवन हमारे लिए बहुत जरुरी है लेकिन हमें नमक को आवश्यकतानुसार ही इसका सेवन करना चाहिए। लेकिन कई लोग स्वास्थ्य से ज्यादा स्वाद को महत्व देते है और उन्हें नमकीन और मसालेदार चीजों का स्वाद कुछ ज्यादा ही अच्छा लगता है लेकिन ये चीजें हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरा बढ़ा देती है। सेहतमंद रहने के लिए जरुरी है कि नमक का सेवन कम से कम करे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार नमक का इनटेक 5 ग्राम से कम होना चाहिए।
गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ा देता है नमक
सामान्य मात्रा में नमक का सेवन हमारे शरीर के सुचारु रूप से कार्य करने के लिए आवश्यक है ,लेकिन अधिक मात्रा में नमक का सेवन गंभीर बीमारियों का खतरा बङा देता है। अधिक नमक खाने से हाइपरटेंसन और हाई ब्लड प्रेशर हो जाता है। लगातार हाइपर टेंशन के बने रहने से हृदय रोग ,स्ट्रोक और गुर्दे की बीमारियाँ होने की आशंका बढ़ जाती है ,ज्यादा नमक खाने से रक्त में आयरन की मात्रा कम हो जाती है और इससे पेट में एसिडिटी बढ़ जाती है ,इससे भूख नहीं लगने पर भी भूख का एहसास होता है और हम अधिक मात्रा में कैलोरी का सेवन करते है जिससे मोटापा बढ़ता है।
इसके अलावा नमक में मौजूद सोडियम पानी को स्पंज की तरह आकर्षित करता है, इससे भी शरीर का वजन बढ़ जाता है। शरीर सूज जाता है , विशेषकर हाथ और पैर जिसे इडेमा कहते है। इडेमा तब होता है जब बॉडी अत्यधिक सोडियम को संतुलित करने के लिए अतिरिक्त तरल पदार्थो को शरीर में रोक लेती है। सोडियम जो नमक का एक घटक है उसके अधिक सेवन से पेट का कैंसर हो जाता है।
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