पुरुष गुप्त रोग और उनके घरेलू उपाय
आज कल के रहन - सहन और खान -पान के कारण हमारे शरीर में बहुत से रोग पैदा हो रहे है। जिसमे पुरुष गुप्त रोग भी शामिल है जैसे :-स्वपन दोष ,शीघ्र पतन ,धातु रोग , शरीर का धुपना (धुलना ), पुरुष बाँझपन (male infertility )आदि कई प्रकार के गुप्त रोग हो जाते है जिसे रोगी छुपाने लगता है और किसी को बताने में शर्म महसूस करता है। लेकिन आगे चलकर उसे कई बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है उसे शारीरिक कमजोरी महसूस होने लगती है वीर्य में शुक्राणुओं (nill sperm)की संख्या कम होने लगती है जिससे पुरुष को पिता बनने में कई समस्याएँ आती है। आज हम इन्ही सारी समस्याओं का समाधान आयुर्वेदिक के द्वारा कैसे किया जाता है उसी के बारे में जानने की कोशिश करेंगे।
गुप्त रोग के कारण
- दिन में कई बार या बार - बार हस्थमैथुन (Masturbation ) करना।
- बुरी संगत में रहना।
- बुरा सोचना।
- गंदी फिल्में या गंदी तस्वीरें देखना आदि कई कारण हो सकते है।
स्वपनदोष और उसका इलाज
सोते समय वीर्य (semen ) का निकल जाने को स्वपनदोष कहते है। वैसे तो यह शिकायत हर नौजवान को हो जाया करती है मगर महीने में 1 या 2 बार हो जाये तो घबराना नहीं चाहिए। बल्कि गर्म वस्तु , तेज मसाले , अंडे आदि खाने बंद कर दे तो यह शिकायत अपने आप ही दूर हो जाती है। लेकिन कुछ मामलो में यह बहुत बढ़ जाती है उसके लिए हम आयुर्वेदिक उपाय बताने जा रहे है।
- तुख्मकाहू , तुख्मकासनी, धनिया, अजवायन खुरासानी, तुख्मखीरा, नीलोफर, भूसी इसबगोल, कुंजा मिश्री बराबर लेकर सबको बारीक़ करके 6 - 6 ग्राम सुबह शाम ताजे पानी के साथ 30 दिन खाये। रोजाना होने वाला स्वपनदोष रुक जाता है। परहेज गुड़, चावल , खटाई, अंडा, शराब और दूध दवा खाने तक न पिये।
- तुलसी के बीज 4 -4 ग्राम पानी के साथ कुछ दिनों तक शाम को खाएं।
- बीज बंद 3 ग्राम पानी के साथ सेवन करने से स्वपनदोष रुक जाता है।
- साबुत मिश्री, सफेद मूसली, संदल सफेद, इलायची छोटी, जीरा सफेद, सतावर ,भूसी इसबगोल सब 10 -10 ग्राम लेकर बारीक़ कूटकर छान ले और 6 - 6 ग्राम सुबह शाम दूध के साथ सेवन करें। धात के लिए है। कुंजा मिश्री 40 ग्राम मिलाये।
- इमली के बीज 125 ग्राम, 400 ग्राम दूध में भिगोकर रखे। दो दिन बाद छिलका उतार कर साफ करके पीस ले। 6 - 6 ग्राम सुबह शाम पानी के साथ सेवन करे।
- देशी बाबुल की कच्ची फलियाँ छाया में सुखाकर बारीक़ करके और बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर सुबह शाम 6 -6 ग्राम दूध के साथ सेवन करे।
- मुलहटी का चूर्ण 3 ग्राम शहद के साथ चाटने पर स्वपनदोष ठीक हो जाता है।
- बनारसी आंवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन धोकर चबा -चबाकर खाये। यह नेत्र रोग व हृदय रोग के लिए भी अच्छा है।
बीमारी को रोकने के घरेलू उपाय
- कब्ज न होने दे। गुलकन्द का या हरड़ का मुरब्बा रात को खाइए।
- रात को गर्म दूध न पिये।
- रात को सोते समय हाथ -पैरों को ठंडे पानी से धोना चाहिए।
- गुप्त अंग के बालो को न बढ़ने दिया जाए।
- करवट से सोने की आदत डालें।
- रात को खाना कम खाएं। और देर से सोने की आदत डाले।
- गुड़ ,गन्ना ,चावल और खटाई ,गर्म मसाले ,पकवान,अंडे और शराब से परहेज करें।
- सुबह सवेरे नंगे पेअर ह्री घास या दुब पर घूमना चाहिए।
- शौच जाने से पहले रात का बासी पानी जो तांबे के बर्तन में हो रोजाना एक गिलास पीना चाहिए।
- खाना खाने के बाद पेशाब जरूर करना चाहिए।
- गंदी फिल्में व किस्से , कहानियॉ न पढ़े और नंगी तस्वीरों को न देखे।
- बुरे दोस्तों से बचना चाहिए और अगर कोई गंदी आदत है तो आज से ही उसे छोड़ने की कोशिश करना चाहिए।
शीघ्र पतन घरेलू उपाय
सम्भोग के समय जल्दी वीर्य(semen) निकल जाने को शीघ्र पतन कहते है। इसके उपाय
- असली बंशलोचन तथा सत्व गिलोय बराबर मात्रा में ले तथा कूट ले। प्रतिदिन दो ग्राम शहद के साथ ले। इससे वीर्य गाढ़ा हो जाता है और स्वतः स्खलित नहीं होता।
- जायफल चूर्ण 3 रत्ती पुरुष अपने मूत्रेन्द्रिय पर रखकर सहवास करे।
बलवर्धक घरेलू उपाय
- दो देशी अंडो का हलवा देशी घी में बनाकर सर्दियों में हफ्ते में 3 बार खाना चाहिए।
- सिंघाड़े का हलवा देशी घी में बनाकर 50 ग्राम महीना भर खाये वीर्य (semen ) गाढ़ा होगा और मर्दाना ताकत बढ़ेगी।
मरदाना ताकत के लिए फंकी पुष्टावर घरेलू उपाय
साबुत मिश्री पंजे वाली, सफेद मूसली, काली मूसली, सतावर, साबलगट्ठा, बाहमन सुर्ख, बाहमनं सफेद , शकाकल मिश्री , दाल चीनी, तबाशीर , मस्तगी रूमी, कमरकस, बीजबंद , अकरकरा, खुलंजा, गोंद , कीकर, सिंघाड़े, तालमखाना, अश्वगंधा , बदिरीकन्द , छोटी इलायची सब 25 -25 ग्राम तरुमेरिहा, अजवायन, खुरासानी 10- 10 ग्राम और कुंजा मिश्री 300 ग्राम सबको बारीक़ करके 6 - 6 ग्राम सुबह - शाम दूध के साथ सेवन करे। अचार , गन्ना , चावल ना खाएं।
ताकत की खीर घरेलू उपाय
साबुत मिश्री पंजेवाली 3 ग्राम , सफेद मूसली 3 ग्राम , सतावर 3 ग्राम, अश्वगंधा 3 ग्राम सबको पीसकर बारीक़ छान ले।
विधि :- 400 ग्राम दूध आग पर उबालें और सारी दवाई डालकर चम्मच से चलाये जब दूध गाढ़ा हो जाये तो थोड़ी -सी खांड मिलकर सुबह व रात्रि को सोते समय 20 दिन तक खाये। परहेज खटाई का है। यह केवल एक खुराक है।
फायदे :- कमर दर्द , सुस्ती, कमजोरी को दूर करके ताकत को बढ़ाता है
धातु रोग के लिए घरेलू उपाय
अश्वगंधा, नागौरी सौंठ , मिश्री बराबर लेकर दवा को कूटकर कपड़े से छानकर ले और दवा के बराबर घी कड़ाही में डालकर भूनें और दुगनी मिश्री डालकर पका ले। पानी जल जाने पर उताकर ठंडा कर एक - एक तोला का लड्डू बना लें। एक लड्डू सुबह शाम गाय के दूध के साथ खाये।
गुण :-इसके लेने से कमर व हाथ - पेअर का दर्द व धातु की कमी ठीक हो जाती है और semen में भी वृद्धि होती है।
नोट :- ऊपर जो भी उपचार बताया गया है वो पूर्ण आयुर्वेदिक है तो इसे लेने से पहले अपने नजदीकी आयुर्वेदिक चिकित्स्क से जरूर सलाह ले।
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