Health and fitness tips hindi and english

ऑटोइम्यून डिजीज रोग के लक्षण , कारण व इलाज (Autoimmune Diseases: Types, Symptoms, Causes, and More )

ऑटोइम्यून डिजीज :-




                           मानव शरीर कुदरत की देन है।  इसलिए इसमें रोग प्रतिरोधी प्रणाली का भी समावेश होता है और यह किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से शरीर का बचाव करती है।  जब यह प्रणाली अपने शरीर और संक्रमण के बीच का भेद या फर्क को न समझ पाए और अपने ही शरीर के स्वस्थ टिशूज पर ही आक्रमण शुरू कर दे तो एक गंभीर रोग का रूप धारण कर लेती है।  इस स्थिति को चिकित्सकीय भाषा में ऑटोइम्यून डिजीज कहते है।

                         ऑटोइम्यून डिजीज में शरीर में मौजूदा प्रतिरक्षण प्रणाली उसके खिलाफ ही कार्य करने लगती है।  इस रोग से शरीर का कोई भी अंग प्रभावित हो सकता है जैसे जोड़ो का रोग, त्वचा, रक्त नलिकाओं और नर्वस सिस्टम आदि।  इस रोग के होने का खतरा पुरुषो की अपेक्षा में महिलाओ  अधिक होता है। हालाँकि इम्यून रोगो के शुरूआती दौर में ही इलाज करने से काफी अच्छे परिणाम देखने को मिलते है।  लेकिन कुछ प्राकृतिक उपायों की मदद से आप ऑटोइम्यून डिजीज को दूर कर सकते है।  आइये जानते है क्या है इसके कारण, लक्षण और बचाव के तरिके।
      

    ऑटोइम्यून रोग के लक्षण :-


    • जोड़ो में दर्द होना 
    • मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी होना 
    • वजन में कमी होना 
    • अनिद्रा की शिकायत होना 
    • दिल की धड़कन अनियंत्रित होना 
    • त्वचा का अतिसंवेदनशील होना, त्वचा पर धब्बे पड़ना 
    • दिमाग ठीक से काम न करना, ध्यान केंद्रित करने मे सामस्य
    • हमेशा थका हुआ अनुभव करना 
    • बालो का झड़ना, पेट में दर्द होना, मुँह में छाले  होना
    • हाथ और पैरो में झुनझुनी होना या सुन्ना हो जाना 
    • रक्त के थक्के जमना 

          ऑटोइम्यून डिजीज का कारण :-    

                                                          शोध में पाया गया है की ऑटोइम्यून डिजीज के आमतौर पर दो कारण होते है।  पहला की ये आपके शरीर में आपके माता - पिता से आया हो , यानि अनुवांशिक रूप से आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो।  दूसरा आपको ये रोग वातावरण में मौजूद वायरस के कारण भी हो सकता है।  शोध में ये भी पाया गया है की ऑटोइम्यून डिजीज का खतरा पुरुषो से ज्यादा महिलाओ को होता है।  कई बार इसका कारण हार्मोन्स में कोई गड़बड़ी भी हो सकती है।

    ऑटोइम्यून रोग  क्या है और ये कब होता है :-

                                                                        ऑटोइम्यून ऐसा रोग है जिसमे कई बीमारिया आती है, यह   शरीर  के कई अलग - अलग अंगो को प्रभावित करता है।  इस बीमारी में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो  जाती है और यह बीमारियों को रोकने के बजाय शरीर पर खुद हमला करता है।  दरअसल हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली हमारे शरीर को बीमारियों से बचाती है।  और खतरनाक रोगो से शरीर की रक्षा भी करती है।  लेकिन इस बीमारी में प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है।  ऑटोइम्यून बीमारी तब होती है जब शरीर में मौजूद  विषाक्त पदार्थो,  संक्रमणों, और खाने में मौजूद विशुद्धिओ को दूर करने के लिए हमारी   प्रतिरोधक क्षमता संघर्ष करती  है इस बीमारी के होने के बाद शरीर के ऊतक ही शरीर को बीमार और कमजोर बनाते है। 

    ऑटोइम्यून डिजीज से बचाव के तरिके :-


    •  विटामिन डी एक ऐसा पोषक तत्व है जो 200 से भी अधिक जिनो से प्रभावित होता है।  इसकी जिम्मेदारियों में से एक बहुत अधिक सूजन और ऑटोइम्यून डिजीज सहित कई संक्रमण से लड़ने के लिए आपके शरीर की क्षमता को विनियमित करना है।  विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा ऑटोइम्यून डिजीज को रोकने और इलाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।  और विटामिन डी लेने का सबसे सुरक्षित और आसान तरीका है नियमित सुबह सूरज की रौशनी में कुछ देर बैठना है।  
    •  ऑटोइम्यून डिजीज होने पर बीमारी से उबरने के लिए पर्याप्त मात्रा में शारीरिक आराम के महत्व को नजरअंदाज न करे।  सीधे शब्दों में कहे तो जितना आप अधिक आराम करेंगे आपको शरीर में उतनी ही अधिक एनर्जी प्राप्त होगी और आपका शरीर पाचन तंत्र सहित क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत में खुद को समर्पित कर पायेगा।  
    • पौष्टिक और संतुलित आहार हमें रोगो से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है।  संतुलित आहार ऐसा आहार है जिसमे सब्जियों और प्रोटीन का अच्छा मिश्रण हो।  और पौष्टिक आहार ऐसा आहार है जिसमे पर्याप्त मात्रा में विटामिन व मिनरल मौजूद हो ताकि शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता को मजबूत किया जा सके।  जिन फुड्स में विटामिन ए , बी, सी  व ई , फोलेट और कैरोनाइड्स व मिनरल जैसे  जिंक , क्रोमियम व सेलिनियम होते है वे न केवल इम्युनिटी बढ़ाते है बल्कि स्वस्थ इम्यून सिस्टम के लिए भी  जरुरी है।  
    • अपने भोजन को अच्छी तरह से चबाने से आपके पाचन तंत्र को बहुत राहत मिलती है।  वैसे तो आपको अपना भोजन  तब तक चबाना चाहिए , जब तक की वह लिक्विड में न बदल जाए।  भोजन को अच्छी तरह से चबाने से पाचन तंत्र भोजन को प्रभावी ढंग से छोटी आंत की दीवार के माध्यम से ब्लड में पारित होने में मदद करता है।  इसके अलावा भोजन को अच्छी तरह चबाने से स्लाइवा और पाचन एंजाइम फ़ूड के साथ अच्छी तरह से मिश्रित होकर आपके पाचन प्रक्रिया को सहज बनाता है।  और पाचन तंत्र में मजबूती आने से आप ऑटोइम्यून डिजीज को आसानी से दूर कर सकते है।

    No comments: