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यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या होता है, कैसे कंट्रोल करें? इसके लक्षण और Uric Acid कंट्रोल करने का आयुर्वेदिक इलाज

यूरिक एसिड :-

 
              
  आज हम इस आर्टिकल में यूरिक एसिड के बारे में बात करेंगे कि अगर आपके शरीर में यूरिक एसिड बन रहा है तो उसके क्या लक्षण हो सकते है , साथ में ये जानने की भी कोशिश करेंगे की इसका इलाज कैसे करे। अगर आपके शरीर में भी ये लक्षण नजर आये तो हमारे द्वारा बताये गए उपचार को लेने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह जरूर ले लेवें और अगर आपको हमारी ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो comment जरूर करे और पोस्ट को शेयर करे। तो आज का टॉपिक शुरू करते है। 




    यूरिक एसिड :-

                         यूरिक एसिड शरीर के Cells  और उन चीजों से बनता है जो हम खाते है। इसमें से यूरिक एसिड का ज्यादातर हिस्सा किडनियों के जरिए फ़िल्टर हो जाता है जो टॉयलेट के जरिए शरीर से बाहर आ जाता है, लेकिन अगर यूरिक एसिड शरीर में ज्यादा बन रहा है तो वो खतरनाक हो सकता है। 

    क्या है यूरिक एसिड ?:-

                                      जब किसी वजह से किडनी की फिफ़िल्टर यानि छानने की क्षमता कम हो जाती है तो यूरिया यूरिक एसिड में बदल जाता है जो हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है। यूरिक एसिड शरीर के Cells  और उन चीजों से बनता है जो हम खाते है। इसमें से यूरिक एसिड का ज्यादातर हिस्सा किडनियों के जरिए फ़िल्टर हो जाता है जो टॉयलेट के जरिए शरीर से बाहर आ जाता है, लेकिन अगर यूरिक एसिड शरीर में ज्यादा बन रहा है या  किडनी उसे फ़िल्टर नहीं कर पाती तो खून में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है।  बाद में यह हड्डियों के बीच में चिपक जाता है और गाउट की समस्या पैदा हो जाती है। 
                    
                    यूरिक एसिड के बढ़ने से शरीर की मांसपेशियो  में सूजन आ जाती है जिससे दर्द महसूस होता है और ये दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है (खासकर टखने में , कमर, गर्दन, घुटने आदि में ) इसी के बाद मेब गाउट , गठिया और आर्थराइटिस जैसी परेशानियां हो जाती है। 

    यूरिक एसिड के लक्षण :-

                           शुरूआती दौर में यूरिक एसिड के बढ़ने का पता नहीं लग पाता।  ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी भी नहीं होती कि यूरिक एसिड के बढ़ने को कैसे पहचानें।  कुछ लक्षण है जिन्हे देख आप पहचान सकते है कि आपके शरीर  में यूरिक एसिड बढ़ रहा है। 

    - जोड़ों में दर्द होना। 
    - उठने - बैठने में परेशानी होना। 
    - हाथ व पैरो की उंगलियों में सूजन आ जाना। 
    - जोड़ो में गाँठ की शिकायत होना। 
    - इसके अलावा पैरो और हाथो की उंगलियों में चुभन वाला दर्द होना,  जो कई बार असहनीय हो जाता है।  इससे मरीज ज्यादा जल्दी थक भी जाता है। 

          इसलिए इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें।  कभी भी इनमे से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो अपने चिकित्सक से जरूर संपर्क करें। 
         लेकिन ये यूरिक एसिड क्यों होता है , यह जान लेना भी बहुत जरुरी है, ताकि आप सचेत रहे और उन चीजों से बचे जिससे यूरिक एसिड बढ़ता है।

    यूरिक एसिड बढ़ने के मुख्य कारण :-

    • खान -पान और लाइफस्टाइल में बदलाव यूरिक एसिड बढ़ने का सबसे बड़ा कारण है। 
    • अगर आप डाइबिटीज के मरीज है तो आपके शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना तय है क्योकि डाइबिटीज की दवाइयों से भी यूरिक एसिड बढ़ता है। 
    • रेड मीट , सी फ़ूड, दाल, राजमा, मशरूम, गोभी, टमाटर, मटर, पनीर, भिंडी, अरबी और चावल इनका  की ज्यादा मात्रा में  सेवन करने से भी यूरिक एसिड बढ़ता है। 
    • खाने (भोजन ) के रूप में लिया जाने वाला प्यूरिन प्रोटीन भी यूरिक एसिड के लेवल को बढ़ाता है। 
    • जो लोग ज्यादा उपवास रखते है उनमे भी यूरिक एसिड के लेवल का बढ़ने का खतरा हो सकता है। 
    • जबरदस्ती एक्सरसाइज करने या फिर वजन कम करने के चक्कर में भी कई बार यूरिक एसिड का लेवल बाद जाता है। 
    • इसके अलावा ब्लड प्रेशर की दवाई , पेन किलर्स और कैंसर रोधी दवाई खाने से भी यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है। 

    उच्च यूरिक एसिड के नुकसान :-

    1. इसका सबसे बड़ा नुकसान है शरीर के छोटे जोड़ो में दर्द जिसे गाउट रोग के नाम से जाना जाता है। 
    2. पैरो के जोड़ो में दर्द होना। 
    3. पैर की एड़ियों में दर्द होना। 
    4. गांठो में सूजन। 
    5. जोड़ों में सुबह शाम तेज दर्द होना (कम -ज्यादा )।
    6. एक स्थान पर ज्यादा देर तक बैठने के बाद उठने पर पैरो में दर्द होना जो बाद में सामान्य हो जाता है। 
    7. पैरों , जोड़ों, उंगलियों, गांठो में सूजन होना। 
    8. शर्करा लेवल बढ़ना।  

     हाई यूरिक एसिड में क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए :-


                     प्यूरिन की वजह से यूरिक एसिड हाई होता है इसलिए खाने पीने की ऐसी चीजों के सेवन के दूर रहे जिनसे प्यूरिन बनता है, जैसे रेड मीट, ऑर्गन मीट, फिश और सी फ़ूड आदि। 

            - दूध कम फैट वाला ही पिए। 
            - जैतून के तेल में खाना बनाये।        
            - डिब्बा बंद खाना खाने से बचे। 
            - विटामिन सी युक्त चीजों का सेवन करे। 
            - बियर और शराब के सेवन से परहेज करे। 
            - जिन चीजों में फाइबर अधिक हो ऐसी चीज खाये। 
            - नींबू पानी शरीर को साफ़ करता है और क्रिस्टल्स घोलता है। 
            - पेस्ट्री, केक और पैनकेक जैसे बेकार उत्पादों के सेवन से बचे। 
            - जामुन, चेरी और स्ट्रॉबेरी जैसे फल गठिया का इलाज करने और यूरिक एसिड को बाहर निकालने में              मदद करते है। 

    यूरिक एसिड का आयुर्वेदिक इलाज :-

           
       आज हम आपको यूरिक एसिड के लिए दो अनुभूत नुस्खे बता रहे है।  आजकल यह समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है हमारे सदियों पुराने आयुर्वेद में इसका इलाज बहुत ही आसानी से घरेलू नुस्खों द्वारा बताया गया है आज हम आपको उन्ही नुस्खों के बारे में बता रहे है। 

    यूरिक एसिड की आयुर्वेदिक दवा :- 


            नुस्खा नंबर 1    - त्रिफला -250 ग्राम , गिलोय चूर्ण झ्र  - 200 ग्राम , कलोंजी - 100 ग्राम , मैथी पीसी हुई - 100 ग्राम , अजवायन - 100 ग्राम , अर्जुन छाल चूर्ण - 100 ग्राम , चोबचीनी -100 ग्राम , 200 ml एलोवेरा रस में सभी को मिलाकर छांव में सुखाये। 

    सेवन विधि :- इस चूर्ण को 21 से 90 दिन तक दिन में 3 बार 2 से 5 ग्राम सेवन करे। 

           नुस्खा नंबर 2 -  छोटी हरड़ का पाउडर - 100 ग्राम , बड़ी हरड़ का पाउडर झ्र - 100 ग्राम , आंवला पाउडर - 100 ग्राम , जीरा पाउडर -100 ग्राम , गिलोय पाउडर -200 ग्राम, अजवायन -100 ग्राम  इन सभी को आपस में मिला लीजिये। 
    प्रतिदिन 5-5  ग्राम सुबह और शाम  पानी के साथ लीजिये। 

    लेकिन सावधान आपकों लाल मिर्च का और किसी भी अन्य खटाई , अचार का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना है। 

        
       

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