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10 Home Remedies |10 घरेलु नुस्ख़े

10 Home Remedies |10 घरेलु नुस्ख़े :-




आज हम बात करेंगे कुछ छोटी - मोटी बीमारियों की जो आगे चलकर कई बीमारियों को दावत देती है। ऐसी ही छोटी - मोटी बीमारियों के बारे में जानने के लिए आप हमारी website (Health and Fitness ) पर आकर इनके इलाज के बारे जान सकते हो। तो आज के घरेलू नुस्खों में हम 10 ऐसी  बीमारियों के इलाज के बारे में बात करेंगे जिन्हे आप घर पर ही ठीक कर सकते हो। 
बीमारियों के नाम :-
  1. कब्ज (Constipation)
  2. दस्त (Diarrhea)
  3. अफारा (Afara)
  4. पेट की वायु गैस (Abdominal gas )
  5. पेट के अफारे के लिए (
    For stomach upset)
  6. बवासीर (Piles)
  7. पेचिश (Dysentery)
  8. खाँसी (
    Cough)
  9. जुखाम (
    cold)
  10. सिर दर्द (Headache)

    1. कब्ज (Constipation) का इलाज :-

    • एगरोल 2 चम्मच, आधा कप ताजा  पानी में मिलाकर 3 - 4 दिन पिए। पुरानी कब्ज ठीक होगी। एगरोल कैमिस्ट की दुकान से लें। 
    • कब्ज की अधिकता के कारण यदि बुखार में दस्त कराना हो तो 10 ग्राम अरण्डी के तेल को 250 ग्राम गर्म दूध में मिलाकर दें। 
    • गुठली  निकाली  हुई बड़ी हरड़ का मुरब्बा एक या दो नग खिलाकर ऊपर से 250 ग्राम दूध पिला देने से ही 3 - 4 बार दस्त हो जाते है। नाजुक मिजाज रोगी को एक हरड़ से ज्यादा नहीं देनी चाहिए। 
    • साधारण कब्ज में रात में सोते समय दस - बारह मुनक्के के बीज निकालकर , दूध में उबालकर खाये और ऊपर से वही पी लें।  इससे Morning में खुलकर शौच आएगा। कब्ज की अधिक शिकायत होने पर इसे तीन दिन तक लगातार लें। 
    • पुराना बिगड़ा हुआ कब्ज हो तो दो संतरो का रस खाली पेट सुबह 8 - 10 दिन पीने से ठीक हो जायेगा।  संतरो के रस में नमक , बर्फ या मसाला इत्यादि नहीं होना चाहिए। 
    • पीली काबली हरड़ को रात में भिगो दें और प्रातः इस हरड़ को पानी में थोड़ा -सा रगड़े और थोड़ा -सा नमक मिलाकर पिला दें। इससे कब्ज चाहे जितना पुराना हो ,वह दूर हो जायेगा। एक हरड़ 5 -6 दिन तक काम करती है। 
    • 10 ग्राम ईसबगोल की भूसी 125 ग्राम दही में घोलकर सुबह -शाम खिलाने से कब्ज ठीक होता है। 
    • 6 ग्राम त्रिफला चूर्ण 200 ग्राम गरम दूध में लेने से कब्ज की शिकायत दूर होती है। 

    2. दस्तों (Diarrhea)के लिए :-  

    • दस्त व पेचिश के लिए एक पाव कच्चा दूध भैंस का लो उसके अंदर एक चम्मच चीनी और एक निम्बू निचोड़े जिससे दूध फट जायेगा और उसको हिलाकर पीने से दस्त रूक जाते है। 
    • चार छोटी इलायची को एक सेर पानी में पकाये जब पानी 3 कप रह जाए तो ठंडा होने पर तीन भाग कर लें 4 -4 घंटे बाद पीने से लाभ होगा। 
    • जो लोग चाय का सेवन नहीं करते है वो तीन छोटी चम्मच चाय लेकर उसको बारीक़ पीस ले और उसमे स्वाद अनुसार नमक मिलाकर पानी के साथ लेने से भी दस्तो में आराम मिलता है। 

    3. अफारा (Afara ) के लिए :-

    • अजवायन,सौंफ ,काला नमक 10 -10 ग्राम,काली मिर्च 5 ग्राम बारीक़ कूट-छानकर 2 ग्राम ताजा पानी से ले , अफारा ठीक हो जायेगा। 
    • काली मिर्च 5 नग पीसकर गोमूत्र के साथ उपयोग करने से पेट का आफरा नष्ट हो जाता है। 

    4. पेट की वायु गैस  (Abdominal gas ) के लिए :-  

    • पेट में वायु गैस बनने की अवस्था में भोजनोपरान्त 125 ग्राम मट्ठे में 2 ग्राम अजवायन और 1/2 ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से गैस बनना ख़त्म हो जाती है। 
    • एक लहसुन को छीलकर बीज निकली हुई मुनक्का 4 नग में लपेटकर , भोजन के बाद चबाकर निगल जाएं। इस विधि से पेट में रुकी हुई वायु तत्काल निकल जाएगी। 
    • अलसी के पत्तो की सब्जी बनाकर खाने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है। 
    • अजवायन 2 ग्राम , नमक आधा ग्राम मिलाकर चबाकर खाये ,पेट दर्द और गैस ठीक होगा। 
    • पानी के साथ 5 माशा हिंगाष्टक चूर्ण खाने से भी सभी प्रकार का वायु -विकार दूर होता है। 

    5. पेट के अफारे के लिए  (
    For stomach upset):-

    • हींग को पानी में पीसकर नाभि पर लेप करने से पेट का अफारा दूर हो जाता है। 

    6. बवासीर (Piles) के लिए :-

    • बवासीर दो प्रकार की होती है -अंदर की और बाहर की। अंदर की बवासीर में मस्से अंदर को होते है। गोल चपटे उभरे हुए मस्से चने -मसूर के दाने के बराबर भी होते है। कब्ज की वजह से जब अंदर का मस्सा शौच करते समय जोर लगाने पर बाहर आ जाता है ,तो जख्म हो जाता है। बाहर की बवासीर में मस्सा गुदा वाली जगह पर होता हैं,इसमें इतना दर्द नहीं होता। कभी - कभी मीठी ख़ारिज या खुजली होती है। कब्ज होने पर इससे खून आने लगता है कि मरीज खून देखकर घबरा जाता है और चेहरा पीला पड़ जाता है। 
    • बवासीर की निशानी : बवासीर से मरीज का हाजमा खराब  है। भूख नहीं लगती ,कब्ज रहने लगती है। पेट में कभी -कभी गैस बनने लगती है।  मेदा ,दिल ,जिगर कमजोर हो जाता है। आमतौर से शारीरिक कमजोरी हो जाती है। मरीजों के मुँह पर हल्की सुजन भी आ जाती है। 
    • बवासीर का इलाज : 50 ग्राम रीठे लेकर तवे पर रखकर कटोरी से ढक दे और तवे के नीचे आधा घंटा आग जलाये। रीठे भस्म हो जाएँगे। ठंडा होने पर कटोरी हटाकर बारीक़ करके रीठे की भस्म 20 ग्राम ,कत्था सफेद 20 ग्राम ,कुश्ता फौलाद 3 ग्राम सबको बारीक़ करके मिला ले। एक -एक ग्राम सुबह - शाम ,20 ग्राम मक्खन में मिलाकर खाये  और ऊपर से 250 ग्राम दूध पी लिया करे। 10 -15 दिन खाये। खूनी बादी बवासीर को दूर करेगी। परहेज - गुड़,गोश्त,शराब, आम ,अंगूर न खाये ,कब्ज न होने दे और निचे लिखा महरम मस्सो पर लगाए। 
    • बवासीर के लिए मरहम :- वैसलीन सफेद 50 ग्राम,कपूर 6 ग्राम ,सल्फाडायजिन की 3 गोली ,बारीक़ एसिड 6 ग्राम सबको बारीक़ करके वैसलीन में मिलाकर रात को सोते समय सुबह शौच जाने से पहले दिन में एक बार रोजाना ऊँगली के साथ अंदर -बाहर मस्सो पर लगाएं। 
    • खुनी बवासीर के लिए :- गैंदे के हरे पत्ते 10 ग्राम ,काली मिर्च 5 दाने ,कुंजा मिश्री 10 ग्राम , 60 ग्राम पानी से रगड़ छानकर 4 दिन तक एक -एक बार पिये। गर्म चीज न खाये और कब्ज न होने दे। 

    7. पेचिश (Dysentery):-

                                            एक तोला ईसबगोल पानी के साथ खीर की तरह मिश्री डालकर पकाकर खाये। पेचिश ठीक हो जायगी।
     

    8. खाँसी (Cough )के लिए :-

    • मुलहटी,कत्था और गोंद बबूल प्रत्येक दस ग्राम लेकर कूट -पीसकर कपडे से छान ले। अदरक के रस में दो -तीन घण्टे घोटकर चने के बराबर गोलियां बना लें और एक- एक गोली चूसते रहें। खाँसी के लिए अत्यंत लाभदायक है। 
    • दस -पंद्रह तुलसी के पत्ते और आठ -दस काली  मिर्च की चाय बनाकर पिने से ,खाँसी ,जुखाम व बुखार ठीक हो जाता है। 
    • आंवले के छिलके को सुखाकर चूर्ण बना ले और बराबर मिश्री मिला ले। 6 ग्राम सुबह ताजे पानी के साथ ले।  पुरानी से पुरानी खाँसी ठीक हो जाएगी। 
    • मुलहटी ,काली मिर्च 10-10 ग्राम भूनकर पीस ले और 30 ग्राम पुराने गुड़ में मिला ले। मटर जितनी गोलिया बनाकर ताजे पानी के साथ सेवन करे। 
    • अदरक का रस व शहद 10-10 ग्राम बराबर मिलाकर गर्म करके चाटने से खांसी ठीक हो जाती है। 

    9. जुखाम (Cold )के लिए :- 

                                               6  ग्राम अदरक के बारीक़ टुकड़े करे व 2 ग्राम काली मिर्च को कूट ले फिर बीस ग्राम पुराना  गुड़ मिलाकर सबको 250 ग्राम पानी में औटाये। चौथाई पानी रहने पर उतारकर छान ले और पी जाये। दो - तीन दिन इसका सेवन करने से जुखाम दूर हो जाएगा। 

    10. सिर दर्द (Headache)के लिए :-

                                                             निम्बू की पत्तियों को कूटकर उनका रस निकाल ले  नाक में नस्य ले जिन्हे हमेशा सिर दर्द बना रहता हो उनके लिए यह अचूक औषधि है या 1 गोली सेरिडान की पानी से साथ ले दर्द ठीक होगा।     

    नोट :- ऊपर जो भी उपचार बताया गया है वो आयुर्वेदिक व घरेलू है तो Please इसका उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले और आपको हमारी पोस्ट कैसी लगी   Please Comments  करके जरूर बताये। (धन्यवाद )