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Measures to avoid corona virus and cold | कोरोना वायरस और जुखाम से बचने के उपाय

 Measures to avoid corona virus and cold | कोरोना वायरस और जुखाम से बचने के उपाय:- 

 

  सर्दियों का मौसम चल रहा है और  कोरोना वाइरस (covid -19) का भी जोर चल रहा है। इस मौसम के प्रभाव से हर दूसरा -तीसरा व्यक्ति एकआध बार सर्दी - जुखाम से अवश्य ही प्रभावित होता है और वो कोरोना वाइरस के आने से पहले साधरण हुआ करती थी पर अब जब से देश में  कोरोना वाइरस आया है तब से सर्दी - जुखाम का भी जोर बढ़ गया है और इस covid -19 के आने के बाद हर एक व्यक्ति इससे बचना और अपने परिवार को बचाना चाहता है तो आज हम आपको बताएँगे की इस महामारी के दौर में आप अपने और अपने परिवार को इस वाइरस (corona virus) से कैसे बचा  सकते हो। 

                 शुरआती दौर में कोरोना वायरस की कोई भी दवाई या वैक्सीन नहीं थी तो लोग इससे बचने के लिए तरह - तरह के उपाय देखने और अपनाने लग गए थे। सरकार ने इस कोरोना वायरस (covid -19 ) से देश को बचाने के लिए देश में लॉक डाउन (lock down ) भी लगवा दिया था लेकिन फिर भी ये वाइरस (corona virus ) फैलने से नहीं रुका क्यों की लोगो को विश्वास नहीं था की देश में ये भी हो सकता है और लोग अपने घरों में रुकने की बजाय बाहर सड़को पर , गलियों में, बाजारों में किसी न किसी तरह से निकल जाते थे अब उन्हें कौन बताये की भाई  लॉक डाउन (lock down ) का अर्थ होता है घर से बाहर नहीं निकलना। तो आज हम आपको बताएँगे की अगर आपको normal सर्दी -जुखाम हो गया है तो आप घर से ही इसका इलाज कर सकते हो वो भी घरेलू नुस्खों की मदद से इस पोस्ट में जो उपचार बताया जायेगा वो आयुर्वेदिक है तो आप इस इलाज को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले। 

    सर्दी - जुखाम की साधारण जानकारी :-

                    जुखाम होने से जो अंग सबसे ज्यादा प्रभावित होते है, उनमे नाक, कान, गला  ही  है।  जुखाम होते ही तीव्र गति से नाक बहने लग जाती है और बार- बार छींकें आने लगती है।  यह किसी भी मौसम में कभी भी हो सकती है। 

           जुखाम प्रायः दो प्रकार की होती है जिन्हे साधारण जुखाम और संवेदनाजन्य जुखाम (एलर्जिक जुखाम ) के नामों से जाना जाता है।  साधारण जुखाम एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाती है लेकिन  एलर्जिक जुखाम (नजला) होने से रोगी के चेहरे पर बहुत अधिक परेशानी झलकने लग जाती है तथा आँखों में  लाली और आँसू बहने लगते है।  नाक का सिरा खुजलाने लगता है और हिस्टामिन के कारण छींके आने लगती है तथा नाक बहने लगती है।
     
        अब प्रश्न ये उठता है कि जुखाम होते ही नाक को ही अधिक प्रभावित होना चाहिए परन्तु इसके साथ - साथ कान और गला क्यों प्रभावित होते है ? नाक, कान, और गला तीनों ही अंदर से आपस में जुड़े होते है।  नाक के पीछे का हिस्सा " निजोफैरिंग्स " और मुँह के पीछे का हिस्सा " ओरशोफेरिन्स" ये दोनों ही आवाज और खाने की नली "लेरिफेरिन्स " के माध्यम से जुड़े होते है।  इनमे से अगर कोई भी एक हिस्सा प्रभावित होता है तो बाकी के दोनों हिस्से स्वंम ही प्रभावित हो जाते है। 
         
          यूं तो जुखाम के वास्तविक कारणों का ज्ञान अभी तक नहीं हो पाया है फिर भी अनुमानतः एसिडिटी , अत्यधिक तनाव व कुपोषण को जुखाम होने का कारण मन जाता है।  सर्दी - जुखाम की वजह से कान भी संक्रमित हो जाता है तो उसमे खुजली, टीस, दर्द आदि होने लगते है।  अधिक दिनों तक रहने वाला जुखाम कर्णस्राव (कान का बहना ) भी चालू कर देता है।  अधिकांशतः छोटे बच्चो के कान अधिक संक्रमित होते है क्योंकि उनके कान की ट्यूब छोटी तथा सीधी होती है। साइनस के संक्रमण के कारणों से भी सर्दी - जुखाम हो जाता है।  साइनस के कारण स्राव धीरे - धीरे इकट्ठा होने लग जाता है और कई तरह की समस्या उत्पन्न हो जाती है।  बच्चो में नाक की हड्ड़ी सीधी व छोटी होती है जिससे स्राव नाक के पीछे नहीं जा पाता और तकलीफ देने लगता है। 

    जुखाम होने के कारण :- 


    • खान-पान पर नियंत्रण न रखना। 
    • सर्दियों में सर्दी से बचाव न करना। 
    • ठंठे पानी का उपयोग करने के कारण। 
    • जमीन या फर्स  पर नंगे पाँव चलना ।
    • धूल , धुआँ , फूलो की खुशबु आदि से  एलर्जी  होना और जुखाम में परिवर्तन होना। 
    • रक्त में इंफेक्शन होना। 
    • ठंठ लगना आदि कई कारणों से जुखाम और एलर्जी हो सकती है। 

    जुखाम होने के लक्षण :-

    • सर दर्द होना। 
    • हल्की  बुखार आना। 
    • शरीर में हल्का दर्द व जकड़न आना। 
    • खाना - पीना अच्छा न लगना। 
    • नाक, कान व आँखों में दर्द होना और उनका बहना। 
    • हल्की सर्दी महसूस होना। 
    • नींद न आना या कम आना आदि।  
    ये सब कारण तब होते जब साधारण जुखाम होती है लेकिन अगर इस कोरोना वाइरस में अगर आपको और भी कोई लक्षण नजर आ रहे है जैसेकि :-   
    • साँस लेने में तकलीफ होना। 
    • साँस फूलना। 
    • गले में दर्द होना। 
    • छाती में दर्द होना। 
    • दस्त लगना। 
    • उल्टी होना। 
    • पेट दर्द करना। 
    • सर दर्द या फिर बुखार होना। 
    • जुखाम होना जो दवाइयों से ठीक न होना। 
    • लगातार खांसी आना और खांसी में बलगम आना। 
    • गंध और स्वाद का पता नहीं चलना। 

    कोरोना वायरस और जुखाम से बचने के कारण:-

    • मुँह पर मास्क लगाना चाहिए। 
    • अपने हाथो को बार - बार सेनेटाइजर से धोना चाहिए। 
    • सुबह - सुबह सूर्य की धुप लेना चाहिए। 
    • गर्म पानी का सेवन करना चाहिए। 
    • गर्म खाना खाना चाहिए। 
    • गर्म दूध में हल्दी पाउडर मिलकर पीना चाहिए। 
    • अगर किसी व्यक्ति को जुखाम है तो उससे दो गज की दुरी बनाये रखे। 
    • किसी चीज को हाथ लगाने के बाद अपने हाथो को साबुन से धोना चाहिए। 
    • नहाने के पानी में डेटोल का प्रयोग करना चाहिए। 
    • योग और प्रणायाम करना चाहिए। 

    जुखाम और कोरोना वायरस से बचने के लिए निम्न उपाय :-


    1. आंवला और एलोवेरा जूस का प्रयोग करना चाहिए। 
    2. गाय के दूध में हल्दी मिलाकर उसे अच्छी तरह से गर्म करके उसका सेवन करना चाहिए। 
    3. अपनी इम्युनिटी को मजबूत करना चाहिए जिसके लिए योग व प्रणायाम करे जैसे कि कपालभाति , अनुलोम -विलोम आदि। 
    4. गिलोय का सेवन करना चाहिए।  गिलोय का सेवन करने के लिए गिलोय का एक टुकड़ा लेके उसे कदूकस कर ले और एक गिलास पानी में गिलोय का टुकड़ा, एक छोटा अदरक का टुकड़ा , थोड़ी सी काली मिर्च , एक छोटी इलाइची , एक लोंग , पांच तुलसी के पत्ते , थोड़ी सी दालचीनी लेकर इनको उबले और जब ये एक गिलास पानी का आधा हो जाये तो उसे छान ले और जब ये हल्का गर्म रहे तब इसे पिले।  ये काढ़ा आपको रात को सोते समय ही पीना है। 

           
            

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