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घरेलू व देशी नुस्खे उपाय व उपचार

घरेलू व देशी नुस्खे उपाय व उपचार :-



तंदुरुस्त मनुष्य ही मानव जीवन का सही उपभोग कर सकता है। अगर इस जीवन में कोई रोग या बीमारी शरीर को लग जाये तो जीवन जीने का आनंद ही समाप्त हो जाता है।  एक छोटी सी बीमारी भी बड़ी बीमारी का कारण बन सकती है अगर उस छोटी बीमारी को हम अनदेखा कर दे तो। और अगर हम उसी छोटी बीमारी का इलाज कर ले तो वो वंही समाप्त हो जायेगी और हम बड़े खतरे से बचे रहेंगे और मानव जीवन का आनंद लेते रहेंगे। तो आइये आज हम कुछ ऐसी ही छोटी - मोटी बीमारियों के बारे में जानने की कोशिश करेंगे और उनके इलाज के  बारे में जानेंगे। 

        बीमारियों के नाम :-

               1. गुर्दे की पथरी 
               2. चोट,मोच और सूजन 
               3. आग से जलना 
               4. हाथ पैरो की ऐंठन 
               5. सीने में जलन 
               6. पेट दर्द 
               7. दाँत चबाना व  पेट के कीड़े 
               8. पेशाब बार -बार आना 
               9. पेशाब में खून 
              10.पेशाब का रुक -रुक कर आना 
              11.पुरानी  गठिया बाय का दर्द


    1. गुर्दे की पथरी  के लिए :-

    • 6 ग्राम पपीते की जड़ को पीसकर 50 ग्राम पानी मिलाकर 21 दिन तक सुबह -शाम पिने से पथरी गल जाती  है।  
    • दो माशा नीम के पत्तो का खार खाने से पथरी गलकर निकल जाती है। 
    • जामुन खाना भी पथरी रोग के लिए लाभदायक है। 
    • एक ग्राम हल्दी और दो ग्राम गुड़ गाजर की कांजी के साथ खाने से पथरी गल जाती है। 

    2. चोट , मोच और सूजन के लिए :-  

    • किसी भी चोट के स्थान पर घी और कपूर बराबर मात्रा में मिलाकर बांधने से चोट की पीड़ा मिट जाती है तथा खून का बहना भी बंद हो जाता है। 
    • जिस स्थान से खून बह रहा हो , वहाँ पर मिटटी के तेल का फाहा रखने से खून का बहना बंद हो जाता है। 
    • कटे हुए स्थान पर पीसी हुई हल्दी भर देने से खुन का बहना तुरंत बंद हो जाता है। 
    • तेज पत्ते को पीसकर लगाने से मोच ठीक हो जाती है। 
    • अनार के पत्ते को पीसकर बांधने से मोच की पीड़ा समाप्त हो जाती है। 
    • तिल और महुआ बाँधने से हड्डी की मोच ठीक हो जाती है। 
    • ढाक के गोंद को पानी  में घोलकर लेप करने से चोट की सूजन ठीक हो जाती है। 

    3. आग से जलने पर :-

    • अगर जिस्म का कोई हिस्सा जल जाये तो गोले का तेल 50 ग्राम गर्म करके 12 ग्राम कपूर पीसकर मिला ले। यह तेल ठंडा करके दिन में 4 - 5 बार जली हुई जगह पर लगाए। जले हुए अंग को फौरन सरसो या नारियल के तेल में डुबो दे तो छाला नहीं पड़ने देता। 
    • सिप-गंधक आमलासार , गूगल बराबर वजन करके मिला ले।  जरूरत के मुताबिक बकरी का दूध मिलाकर रात को सिप वाली जगह पर लेप करे। 
    • शरीर के किसी भी जले अंग पर सिरस के पत्ते मलने से लाभ होता है। 
    • अमलतास के पत्तो को पानी में पीसकर लगाने से जले हुए अंग पर आराम होता है। 
    • आग या गर्म पानी से जले हुए अंग पर तिलों को पीसकर लेप करने से लाभ होता है। 
    • जले हुए अंग पर अरण्ड के पत्ते लगाने से आराम मिलता है। 

    4. हाथ पैरो की ऐंठन के लिए :-

    • अडूसे के फूल और फलो को तेल में जलाकर छान लें।  इस तेल की मालिश करने से हाथ -पैरो की ऐंठन दूर हो जाती है। 
    • अखरोट के तेल की मालिश करने से हाथ -पैरो की ऐंठन में आराम मिलता है। 

     5. सीने की जलन के लिए :-

    • 250 ग्राम ठंडे पानी में नीम्बू निचोड़कर पीने से सीने की जलन और दिल के घबराने को आराम देता है। 

    6. पेट दर्द के लिए :-

    • अजवायन 4 ग्राम , नमक 2 ग्राम दोनों को गर्म पानी के साथ  लेने से पेट का दर्द ठीक होगा। 

    7. दाँत चबाना व पेट के कीड़े के लिए :-

    • दो टमाटरों में नमक , काली मिर्च लगाकर सुबह 15 दिन तक खाये। पेट के कीड़े मरकर बाहर निकल आएंगे। 13 साल से  कम बच्चे को न दे। 
    • एंटीपार अंग्रेजी दवा भी पेट के कीड़े ख़त्म कर देती है। बाजार से लेकर इस्तेमाल कर सकते है। 5-6 साल से बड़े बच्चे को एक ओंस थोड़ा गर्म दूध में रात्रि को पिलाना चाहिए। 

    8. बार - बार पेशाब आने के लिए :- 

    • काले तिल 200 ग्राम कूटकर 250 ग्राम गुड़ की चासनी में मिलाकर बीस - बीस ग्राम के लड्डू बनाकर सुबह - शाम एक - एक लड्डू खाये। बच्चों को सिर्फ एक लड्डू दे। इस नुस्खे को आजमा से पहले अपनी शुगर जरूर जाँच करवा ले। शुगर के मरीज इसका उपयोग न करे। 

    9. पेंशन में खून के लिए :-

         एक छोटा करेला 24 ग्राम पानी में रगड़कर दिन में एक बार पिये।  पांच दिन इस्तेमाल करे। गर्म चीज, लाल मिर्च का परहेज करे। 

    10. पेशाब का रुक - रुक कर आना :-

         कमली शोरा 3 ग्राम , दूध 250 ग्राम , पानी एक लीटर। सबको मिलाकर बगैर मीठे के दो बार पिलाये। पेशाब खुलकर आएगा। यह हर मौसम के लिए है। 

    11. पुरानी गठिया बाय के दर्द के लिए :-

    • केशर बढ़िया 3 ग्राम , सरनजान 10 ग्राम , खांड 12 ग्राम सबको बारीक़ पीसकर 32 पुड़िया बनाइये।  1- 1 पुड़िया  सुबह - शाम गाय के दूध के साथ ले। गठिया बाय के दर्द की अच्छी दवा है। 
    • तारपीन का तेल और स्प्रिट व बाबूना का तेल बराबर - बराबर मिलाकर रात को मालिश करें और गर्म कपडा बांधकर सो जाये। दो दिन ना नहाये।  कुछ दिन में गठिया बाय का दर्द ठीक हो। 

    नोट :- ऊपर जो भी उपचार बताया गया है वो आयुर्वेदिक व घरेलू है तो Please इसका उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले और आपको हमारी पोस्ट कैसी लगी   Please Comments  करके जरूर बताये। (धन्यवाद ) 

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