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Home Remedies | घरेलु नुस्ख़े

Home  Remedies | घरेलु नुस्ख़े:-


आज हम बात करेंगे कुछ छोटी - मोटी बीमारियों की जो आगे चलकर कई बीमारियों को दावत देती है। ऐसी ही छोटी - मोटी बीमारियों के बारे में जानने के लिए आप हमारी website (Health and Fitness ) पर आकर इनके इलाज के बारे जान सकते हो। तो आज के घरेलू नुस्खों में हम ऐसी  बीमारियों के इलाज के बारे में बात करेंगे जिन्हे आप घर पर ही ठीक कर सकते हो। तो आइये जानते है उन बीमारियों के इलाज के बारे में -



    मिर्गी के लिए

    •  अकर्करा 100 ग्राम,  पुराना सिरका 100 ग्राम,  शहद पहले अकरकरा को सिरके में खूब घोंटे बाद में शहद मिला दे। 5 ग्राम दवा प्रतिदिन प्रातः काल  खिलाएं। मिर्गी का रोग दूर होगा।
    •  बच का चूर्ण 1 ग्राम प्रतिदिन शहद के साथ खिलाए ऊपर से दूध पिलाएं। बहुत पुरानी और घोर मिर्गी भी दूर हो जाती है


    पीलिया रोग के लिए

     पहचान :- इसमे सारे शरीर का रंग पीला पड़ जाता है तथा आंखें और नाखून भी पीले पड़ जाते हैं।  

    •   5  तोला मूली के पत्ते का अर्क निचोड़ कर एक तोला मिश्री मिला लें  और बांसी मुंह पिए। यह पीलिया के लिए रामबाण औषधि है। इससे 1 हफ्ते के अंदर पीलिया रोग दूर होता है, किंतु 2 माह तक हल्दी और दूध नहीं खाना चाहिए।
    • जहां तक हो सके कच्चे पपीते  की बिना मिर्च मसाले की सब्जी  तथा पका हुआ पपीता खाएं इससे पीलिया रोग में लाभ होगा।

      

    डायबिटीज के लिए

     डायबिटीज (मधुमेह) के नए या पुराने रोगी को मीठे शुगर वाले पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। इस रोग में धीरे-धीरे पैदल चलना चाहिए तथा प्रातः कालीन अवश्य घूमना चाहिए।

    •   जामुन की गुठली 5 तोला, सोंठ 5 तोला, गुड़मार बूटी 10 तोला इन सबको को पीसकर ग्वारपाठे के रस में घोटकर 4 - 4 रत्ती की गोलियां बना लें। इन्हें दिन में 3 बार पानी के साथ सेवन करने से डायबिटीज का रोग दूर हो जाता है।
    •  जामुन के चार हरे और नरम पत्ते खूब बारीक कर 50 ग्राम पानी में रगड़े, छानकर प्रातः 10 दिन तक लगातार पिए। उसके बाद इसे हर 2 महीने बाद 10 दिन तक ले। मधुमेह (डायबिटीज) दूर करने की है अति उत्तम औषधि है।  
    •  रोग की प्रारंभिक अवस्था में जामुन के 4 पत्ते प्रातः तथा सांयकाल चबाकर खाने से तीसरे दिन ही मधुमेह में लाभ होगा।
    •  अच्छी पकी हुई 60 ग्राम जामुन ओं को तीन सौ ग्राम उबलते हुए पानी में डालकर ढक दें आधा घंटे बाद मसलकर छान लें इसके तीन भाग करके एक-एक मात्रा दिन में 3 बार पीने से रोगी के मूत्र में शर्करा बहुत कम हो जाती है नियम पूर्वक कुछ समय तक सेवन करते रहने से रोगी बिल्कुल ठीक हो जाता है।
    •  करेले का सेवन भी मधुमेह में लाभकारी है जिसमें आप करेले का जूस या उसकी सब्जी बना कर भी उपयोग कर सकते हैं।
    •  जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीसकर उनका चूर्ण बना लें दो चम्मच प्रातः पानी के साथ सेवन कर 21 दिन तक ले लाभ अवश्य होगा।
    •  मेथीदाना 6 ग्राम लेकर थोड़ा कूट लें और शाम को पानी में भिगो दें प्रातः काल इसे खूब घोटे और बिना मीठा मिलाएं 2 माह तक सेवन करने से डायबिटीज (मधुमेह) नाम का रोग दूर हो जाता है


    गले का बैठ जाना

    •  सर्दी जुकाम के कारण गला बैठ गया हो तो, रात में सोते समय चार पांच कालीमिर्च पतासो के साथ चबाकर सो जाएं इससे स्वर भंग- सर्दी- जुकाम ठीक हो जाएगा। इसे गला भी तत्काल खुल जाता है
    •  गर्म वस्तु के सेवन के पश्चात ठंडा खा लेने पर अक्सर गला बैठ जाता है। ऐसे में एक ग्राम मुलहटी के चूर्ण को मुंह में रखकर कुछ देर चबाते रहें फिर वैसे ही मुंह में रखकर सो जाएं।प्रातः काल उठने पर गला एकदम साफ मिलेगा।
    •  मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर दांतो से चबाकर चूसते रहें , इससे गला खुलने के साथ-साथ गले का दर्द भी ठीक हो जाता है


    नकसीर के लिए

    •   ताजा नींबू का रस निकालकर नाक में कुछ बूंद टपका लें रक्त तुरंत बंद हो जाएग
    •  रात को कुछ किशमिश भिगो दें तथा सुबह चबाकर खा ले। कुछ दिन नियमित लेने से बार बार नकसीर आने का रोग बंद हो जाता है।
    •  यदि खून किसी प्रकार बंद नहीं होता हो तो हाथ पैर को ठंडे पानी में खूब धोवे और सिर पर ठंडा पानी डालें इससे खून आना बंद हो जाएगा


    दमा के लिए

    •  सूखा आंवला और मुलेठी को अलग-अलग पीसकर बारीक चूर्ण सा बनाए और फिर उन्हें मिलाकर रख लें। इसमें से एक चम्मच चूर्ण दिन में दो बार खाली पेट लेने से दमे में लाभ होता है।
    •  25 ग्राम अलसी को कुचल कर 375 ग्राम पानी में उबले। जब एक तिहाई रह जाए तो 125 ग्राम मिश्री मिलाकर रख लें। इसमें एक-एक चम्मच भर काढ़ा एक - एक घंटे के अंतर से दिन में कई बार पिलाए , लाभ अवश्य होगा और उल्टी हो तो न ले।
    •  रोगी को केवल गर्म पानी अथवा गर्म दूध पिलाने से कफ पतला होता और दमे के दौरे में आराम मिलता है।
    • 5 -7 बादाम की गिरी को पानी में पीसकर आग पर कुछ देर तक उबालें। थोड़ा-थोड़ा रोगी को पिलाने से दमे का दौरा थम जाता है।
    •  30 - 40 ग्राम अंगूर का रस गर्म करके रोगी को पिलाने से स्वास का वेग घट जाता है।


    गठिया के लिए

    •  असगंध बूटी की जड़ और खांड बराबर लें तथा कूट पीसकर चूर्ण कर लें। प्रतिदिन दोनों समय 5 ग्राम से 10 ग्राम तक गर्म दूध के साथ सेवन करें यह गठिया का अचूक इलाज है।
    •  अजवाइन, गूगल, माल कंगनी,  काला दाना चारों औषधियां बराबर मात्रा में लेकर कूट पीस लें तथा जल मिलाकर चने के बराबर गोली बना लें। चार गोलियां दूध से लें। कुछ दिन में गठिया रोग से छुटकारा मिल जाएगा।


    एक्जिमा, दाद- खाज, खुजली एवं बालतोड़ के लिए

    •  किसी लोहे की कढ़ाई में एक पाव सरसों का तेल डालकर आग पर चढ़ा ले। जब तेल खूब गर्म होकर उबलने लगे , तो इसमें 50 ग्राम नीम की कोमल कोपलें डाल दें। कोपलों के काले पढ़ते ही कढ़ाई को तुरंत नीचे उतार लें। ठंडा होने पर तेल छानकर बोतल में भर लें। इसे दिन में तीन चार बार एक्जिमा पर लगाएं। कुछ ही दिनों में एक्जिमा नष्ट हो जाएगा
    •  10 काली मिर्च का चूर्ण गाय का घी 10 ग्राम के साथ लेने से सभी प्रकार की खुजली, दाद व अन्य चर्म रोग ठीक हो जाते हैं, 8 दिन ले।
    •  नीम की 21 कोपलें   साफ कर ले। इन्हें 60 ग्राम पानी में घोटकर प्रातः एवं सांय 7 दिन तक सेवन करने से खुजली ठीक हो जाती है।
    •  20 ग्राम नारियल के तेल में 5 ग्राम देशी कपूर मिलाकर घोले। कपूर के तेल में घुल जाने के बाद इस तेल को लगाने से खुजली ठीक हो जाती है। इसी तेल को रात में सोते समय दांत पर लगाएं। कुछ ही दिनों में दाद ठीक हो जाएगा।
    •  पीसी हुई मेहंदी भिगोकर जैसे हाथों में लगाई जाती है वैसे यह बालतोड़ के स्थान पर गाढ़ा गाढ़ा लेप दोनों समय करने से बालतोड़ ठीक हो जाता है।


    घुटनों के दर्द के लिए

    •   प्रातः काल मेथी दाना के बारीक चूर्ण की एक चम्मच की मात्रा से पानी के साथ लेने से घुटनों का दर्द खत्म हो जाता है। बुढ़ापे के कारण होने वाले घुटनों के दर्द में यह विशेष उपयोगी है। दर्द के अलावा यह स्नायु रोग, बहुमूत्र, सूखा रोग व खून आदि की कमी में बहुत उपयोगी है।
    •  प्रातः काल भूखे पेट 3 - 4 अखरोट की गिरी खाने से भी घुटनो का दर्द ठीक हो जाता है।
    •  नारियल की गिरी खाते रहना घुटनों के दर्द को खत्म कर देता है।
    •  अरंडी के पत्ते और मेहंदी पीसकर लेप करने से घुटनों का दर्द दूर हो जाता है।
    •  6 ग्राम कौंच के बीज को दूध के साथ 14 दिन तक खाने से घुटनों का दर्द मिट जाता है।
    •  सूखे आंवले को कूट -पीसकर दोगुनी मात्रा में गुड़ मिलाकर बड़े मटर के आकार में गोलियां बनाकर रोजाना तीन गोली पानी के साथ लेने से घुटनों का दर्द ठीक हो जाता है।


    दांतो के दर्द के लिए

    •   लॉन्ग 5 ग्राम, कपूर 3 ग्राम दोनों को बारीक पीसकर दांतों पर मलने से दांतों के सब रोग दूर हो जाते हैं।
    •  सेंधा नमक और सरसों का तेल दोनों मिलाकर मंजन करने से पायरिया, दांतो का हिलना आदि सब दूर हो जाते हैं।
    •  यदि किसी सज्जन के दांतो से चबाने पर दर्द होता है तो वह सज्जन रात्रि को सोते समय थोड़ी सी पीसी हुई हल्दी और सरसों के तेल का दातों पर ले कर लें तथा सुबह कुल्ला कर लें। याद रहे की लेप करने के बाद कुछ भी खाना- पीना नहीं है। यह आजमाया हुआ नुस्खा है।
    •  प्याज के पानी को दांतों पर मलने से बहुत  से रोग ठीक हो जाते हैं और कीड़ा नहीं लगता है।


    दंत मंजन

    •  दालचीनी, धनिया भुना हुआ, सेंधा नमक, काली मिर्च, चोब चीनी, मस्तगी और कपूर कचरी प्रत्येक 10 ग्राम। पपडिया कत्था 20 ग्राम, माजू फल पाँच नग। इन सब को कूट पीसकर मंजन बना लें। इस मंजन का प्रयोग करने से दांत रोग दूर होंगे।
    •  अजवाइन खुरासानी, वायाविंडंग , अकरकरा तीनों की बराबर मात्रा लेकर कूट -पीसकर मंजन बना लें। इस मंजन के प्रयोग से दांत स्वच्छ और सुंदर होंगे और मजबूत बनेंगे।


    मुंह के छालों के लिए

    •  इसका कारण में मेदे खराबी है गर्म और खुश्क चीज खाने से छाले पड़ जाते हैं। अतः मुख्य उपचार है खान-पान व पेट  को सही रखना।
    •  रात को सोते समय मुंह के अंदर देसी घी लगाकर सोना चाहिए, कैसे भी छाले हों ठीक हो जाते हैं।
    •  एक तोला हल्दी को एक किलो पानी में उबालकर ठंडा होने पर दिन में दो बार गरारे करने से 2 दिन में छाले ठीक हो जाते हैं।

    चेहरे की झाइयां या फुंसियों के लिए

    •  रीठे का छिलका पानी में पीसकर लगाने से मुख्य -मंडल की झाइयां और दाग-धब्बे दूर हो जाते है।
    •  एक चम्मच शहद, एक चम्मच कच्चा दूध मिलाकर लेप करें। 5 मिनट बाद पानी से धो डालें।
    •  चेहरे पर नींबू का छिलका अंदर की तरफ से मिले। 5 मिनट बाद थोड़ा- सा गीला बेसन भी चेहरे पर मल लें। 15 मिनट बाद ताजे   पानी से धो लें। इससे चेहरे की झाइयां मुंहासे खत्म हो जाते हैं तथा रंग भी साफ हो जाता है।  


          नोट:- कच्ची मुहांसों को कभी नहीं सोचना चाहिए वरना वे चेहरे पर से दाग छोड़ देंगे।


    खून की खराबी के लिए

    •  खून की खराबी होने पर लगभग सौ ग्राम नीम की कोमल पत्तियों को इतने पानी में पीसकर रस निकाल लें। यह रस गाय के आधा किलो घी में पकाएं। रस जलकर जब घी रह जाए तो दवा तैयार है। प्रयोग विधि:- 5 ग्राम, एक पाव दूध में मिलाकर सुबह पीने से हर प्रकार की खून की खराबी दूर हो जाती है।
    •  चिरायता और कोड़ कुट्टी 50-50 ग्राम लेकर और मोटा सा कूटकर रख ले। मात्रा 4 ग्राम 600 ग्राम पानी में रात को भिगो कर रख ले। यह दवा तीन-चार दिन काम आएगी जब कड़वाहट कम हो जाए, तो फिर नई दवाई डालें, 40 दिन में हर प्रकार का चरम रोग दूर हो जाता है। जख्म को पानी से रोज धोए। खुराक 1.5 ग्राम रोजाना छानकर पी लें।
    •  सुबह उठते ही काली मिर्च के 2 दाने खाकर एक गिलास पानी पी ले हर प्रकार के चर्म रोग को लाभ पहुंचाता है।


    दाद के लिए

    •  सुबह उठकर सबसे पहले अपने मुंह से बासी थूक को हाथ से दाद पर मल लें। इससे दाद 2 दिन में ठीक हो जाता है। यह आजमाई हुई तथा free की दवा है।
    •  तुलसी के पत्ते पीसकर लगाने से दर्द दूर हो जाता है।


    मस्सों के लिए

    •  घोड़े की दुम(पूंछ ) के बाल से मस्से को कसकर बांध दें। थोड़े दिन में मस्सा टूट कर गिर जाएगा।


    मक्खी के काटने पर

    •  कच्ची प्याज को काटकर अच्छी तरह रगड़े, शीघ्र आराम आ जाएगा और सूजन भी नहीं आएगी। मूली काटकर लगाने से आराम मिलेगा। 


     सांप के काटने पर

     सांप के काटने पर तुरंत डॉक्टरी चिकित्सा करवानी चाहिए यदि वह समय पर उपलब्ध न हो तो निम्न उपचार करने चाहिए -

    •  2 तोला प्याज का रस, 2 तोला सरसों का तेल, 10 ग्राम पिला दे यह एक खुराक है। हर 15 मिनट बाद दें। 4 - 5 खुराक से ही सांप का जहर उल्टी द्वारा निकल जाएगा।
    • सांप काटने वाली जगहों को किसी तेज नश्तर से छिल डालें। जब खून निकल आवे, बारीक पीसा पोटेशियम परमैंगनेट लगा दे। तीन चार बार लगाने के बाद जब चबकने लगे तो समझ ले कि जहर उतर चुका है। 2 - 4 दिन तक काली मिर्च मिलाकर घी का खूब प्रयोग करें। यह आजमाया हुआ नुस्खा है।


    जल जाने पर

    •  काली मसूर की दाल को तवे पर जलाकर कोयला कर लें तथा कपड़छान करके शीशी में भरकर रख लें। आवश्यकता पड़ने पर गोले के तेल में मिलाकर जले हुए स्थान पर लगाएं। इससे ने तो छाले पड़ेंगे और नहीं जलने का निशान रहेगा। यह एक अचूक दवा है।
    •  जले हुए स्थान पर गाय का गोबर लगा दो फौरन आराम आ जाता है तथा निशान भी नहीं रहता।
    •  कच्चा आलू पीसकर लगाने से लाभ होगा।
    •  जले हुए भाग को 15 - 20 मिनट के लिए गेहूं के आटे में दबा दें लाभ होगा जलने पर पानी में वह दे जलन नहीं होगी।


    जोड़ों के दर्द के लिए

    •  कनेर की पत्ती उबालकर पीस लें और मीठे तेल में मिलाकर लेप करें। इससे दर्द दूर हो जाता है।
    •  कड़वे तेल में अजवाइन और लहसुन जलाकर उस तेल की मालिश करने से हर प्रकार का बदन दर्द दूर हो जाता है।


    हाई ब्लड प्रेशर के लिए

    •  सर्पगंधा, आंवला, गिलोय, अर्जुन वृक्ष की छाल, पुनर्नवा और आशकंद बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना कर पानी के साथ दिन में दो बार खाने से उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) सामान्य हो जाता है।
    •  तरबूज खाने से हाई ब्लड प्रेशर ठीक हो जाता है।
    •  लीची का उपयोग भी लाभदायक है।
    •  हृदय की कमजोरी दूर करने के लिए 25 ग्राम से सूत का शरबत दिन में दो बार पीना हितकारी है।
    •  गाजर का मुरब्बा भी  लाभदायक है।
    •  सर्पगंधा को कूटकर रख लें। प्रातः सांय 2 - 2 ग्राम सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर सामान्य हो जाता है।
    •  गेंहू की बासी रोटी सुबह दूध में भिगोकर खाने से हाई ब्लड प्रैशर सामान्य होता है।


    लो ब्लड प्रेशर के लिए

    • 150 ग्राम पानी में 32 किशमिश भिगो दें। 12 घंटे बीतने के बाद प्रातः 1 - 1 किशमिश को आधा मिनट तक खूब चबा चबाकर खाएं लो ब्लड प्रेशर ठीक हो जाएगा।
    •  गाजर के रस में शहद मिलाकर पीने से लो ब्लड प्रेशर दूर हो जाता है।
    •  गाजर का मुरब्बा भी लो ब्लड प्रेशर में लाभदायक है।


    चेहरे के दाग के लिए

    •  मसूर की दाल को और तरबूज के बीजों की मींगी बराबर मात्रा में लेकर गाय के दूध में पीस लें। इसे चेहरे पर लगाने से हर प्रकार के दाग -धब्बे दूर हो जाते है।
    •  बादाम की गिरी दूध में घिसकर लगाने से दाग -धब्बे दूर होकर चेहरे की चमक बढ़ जाती है।


    पथरी के लिए

    •  पपीते की जड़ 6 ग्राम लेकर  पत्थर पर महीन पीस लें। फिर इसे 50 ग्राम पानी में घोलकर छान लें और रोगी को पिला दे। प्रातः साय 21 दिन तक सेवन कराये। पथरी गल कर निकल जाएगी।
    •  20 ग्राम कुलथी को ढाई सौ ग्राम पानी में उबाले। जब चौथाई पानी रह जाए तब उतारकर छान लें और गुनगुनाए रोगी को पिला दें। सुबह -शाम दो बार दे। पथरी गल कर मूत्र मार्ग से निकल जाएगी। 20 दिन तक पिलाएं।





    नोट :- ऊपर जो भी उपचार बताया गया है वो आयुर्वेदिक व घरेलू है तो Please इसका उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले और आपको हमारी पोस्ट कैसी लगी   Please Comments  करके जरूर बताये। (धन्यवाद ) 


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