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Treatment of disease with fruits and vegetables | फल व सब्जियों से बीमारी का इलाज

 फल व सब्जियों से बीमारी का इलाज :-



आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने शरीर का ध्यान रखना भी भूल जाते है और खान -पान पर भी ध्यान नहीं देते है फिर चाहे वो बिजनसमैन , ऑफिस वर्कर , मजदुर , हॉउसवाईफ़ आदि कोई भी हो उन्हें सिर्फ अपने काम की लगी रहती है और वो समय पर अच्छी डाइट नहीं ले पाते है जिसकी वजह से वो कई बीमारियों के शिकार हो जाते है। हमारा शरीर तब  ही स्वस्थ रह सकता है जब हम समय पर अच्छा भोजन करे और अच्छी नींद ले सके। जब शरीर स्वस्थ रहेगा तब ही हम अपना काम अच्छे से कर सकते है।  जब हमारा शरीर ही हमारा साथ नहीं देगा तो हम ना तो काम कर पाएंगे और ना ही परिवार के साथ अच्छे से समय बीता सकते है। हमारा जीवन हॉस्पिटल और मेडिकल के चक्कर लगाने में ही बीत जायेगा। जिसके कारण परिवार वाले भी दुखी होंगे। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन के साथ - साथ फलो का भी उपयोग करना बहुत जरुरी है। तो आइये आज हम कुछ फलों के बारे में बात करेंगे जिनका उपयोग करके हम हमारे शरीर में होने वाली छोटी -छोटी बीमारियों का इजाल कर सकते है। जिनमे कुछ सब्जियां भी शामिल है। 

    1. शहद के लाभ :-

    • असली शहद को आँखो में लगाने से काला मोतिया रुकता है। 
    • असली शहद 50 ग्राम , दही 100 ग्राम दोनों को मिलाकर रोजाना सुबह एक साल तक उपयोग करने से सेहत बनती है और शरीर मोटा होता है। दिमागी कमजोरी दूर होती है, और चेहरे पर लगाने और खाने से चेहरे की झाइयाँ ,मुँहासे दूर होते है और चेहरे का रंग साफ होता है। 
    • 10 ग्राम शहद में 2 ग्राम मुलहटी, 2 ग्राम आँवला मिलाकर सुबह - शाम खाने से खांसी में बलगम आना बंद हो जाता है। 
    • 100 ग्राम ठण्डे पानी में इतना शहद मिलाइये की मीठा शरबत बन जाये। गर्मियों के दिनों में रोजाना एक - दो बार 2 महीनो तक पीने से पेट हल्का व साफ हो जाता है। 

    2. प्याज के गुण :-

    • कान दर्द :- प्याज को गर्म राख में भूनकर उसका पानी निचोड़कर कान में डालें। कान का दर्द ठीक हो जायेगा। 
    • मोतिया बिन्द :- प्याज का रस एक तोला , असली शहद एक तोला , भीमसेन कपूर तीन माशे सबको खूब मिलाकर लगाने से मोतिया का असर नहीं होगा। 
    • तम्बाकू का असर :- ऐसे व्यक्ति जिन्हें तम्बाकू खाने की आदत नहीं है , गलती से खा लेते है तो जी मिचलाने लगता है। उन्हें दो चम्मच प्याज का रस पिलाने से शीघ्र लाभ होता है। 
    • बारूद के जल जाने पर :- यदि शरीर का कोई भाग बारूद से जल जाये तो उस स्थान पर प्याज का रस लगाने से लाभ मिलता है। 
    • गुप्त लेख :- प्याज के रस से सफेद कागज पर लिखे तो कुछ भी नहीं पढ़ा जायेगा। पर लिखे हुए कागज को थोड़ा आँच पर दिखाएंगे तो सब कुछ पढ़ा जायेगा। 
    • नामर्दी :- बीस तोला प्याज का रस और बीस तोला शहद को मिलाकर शर्बत तैयार कर ले। ढाई तोला रोज सेवन करने से नामर्दी और काम शक्ति की कमी में बड़ा लाभ होता है। साथ ही शरीर सबल और पुष्ट बनता है। 

    3. लहसुन के लाभ :-

    • कीड़ों वाले फोड़े :- जिन फोडो में कीड़े पड़ गए हो उन पर रोज लहसुन को पीसकर उसकी पट्टी बाँधिए , कीड़े मर जाएँगे और फोड़े मिट जाएँगे। 10 मिनट बाद साफ कर ले। 
    • सर्दी - जुखाम :- दो - चार साबुत लहसुन लेकर उन्हें गर्म राख में सेक ले। सिकने के बाद उन्हें निकालकर उनकी कलियों को छीलकर खा ले। सर्दी -जुखाम में आराम मिलेगा। 
    • दर्द के लिए :- लहसुन की 4 -5 कालिया लेकर उन्हें सरसों के तेल में जब तक पकाये की लहसुन की कालिया काली हो जाये। उसके बाद उसे छानकर एक बर्तन में रखा ले। अगर शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो तो उस तेल को थोड़ा सा गर्म करके दर्द वाले हिस्से की जगह पर अच्छी तरह मालिश करे। दर्द में लाभ मिलेगा। 

    4. तुलसी के गुण :-

         तुलसी हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके पेड़ की पूजा की जाती है और पत्तिया पूजा सामग्री में काम में ली जाती  है। लेकिन क्या आपको पता है की तुलसी की पत्तियों को औषधीय गुण भी कहा जाता है। 

    • पाचन शक्ति :- तुलसी की पत्तियों को पीसकर पीने से मनुष्य की पाचन शक्ति तीव्र होती है। खुराक 2 चम्मच। 
    • सर्दी -जुखाम :- तुलसी दल के रस में अदरक का रस मिलाकर चाटने से सर्दी - जुखाम दूर होता है। खुराक 2 चम्मच। 
    • पीलिया रोग :- तुलसी की पत्तियों का रस एक तोला , मूली का रस चार तोला मिलाकर गुड़ के साथ पिलाने से पीलिया रोग दूर हो जाता है। 
    • स्वप्नदोष :- रात को सोते समय काली तुलसी के दस - बारह पत्ते जल के साथ लेने पर स्वप्नदोष रुक जाता है। 
    • शीघ्रपतन :- तुलसी के दो पत्ते और चार ग्राम बीज रोजाना सुबह -शाम पान में रखकर खाने से स्त्री सम्भोग के समय पुरुष को लाभ होता है। 

    5. गाजर :-

            सर्दियों का मौसम है और गाजर न हो ये तो हो ही नहीं सकता है इस मौसम में ही हम गाजर का उपयोग कर सकते है। गाजर फल और सब्जी दोनों में ही काम में ली जाती है। और सर्दियों के मौसम में गाजर खाना बहुत जरूर है फिर चाहे आप गाजर को सलाद के रूप में ले या जूस बनाकर पिए पर गाजर खाने से हमारे शरीर को ताकत मिलती है। और ये शरीर की बीमारियों को भी ख़त्म करती है। 

    • पथरी :- गाजर के बीज और शलजम के बीज 20-20 ग्राम ले और मूली को अंदर से खोखला करके उसमे बीजो बीजो को भरकर गर्म राख में भरते की तरह भून ले। 6 ग्राम सुबह - शाम पानी के साथ एक महीना खाये बंद पेशाब खुलेगा और पथरी टूट कर निकल जाएगी। 
    • माहवारी के लिए :- गाजर के बीज 30 ग्राम कूटकर 500 ग्राम पानी में उबालें ,जब पानी आधा रह जाये तो थोड़ी शक़्कर डालकर 2 - 3 दिन पिलाये , माहवारी खुलकर आएगी। 
    • जिगर की गर्मी :- गाजर 100 ग्राम ,गुड़ 100 ग्राम , 3 पाव पानी में रात को आग पर पका ले।  जब गाजर गल जाये तो सुबह चाँदी के दो वर्क लगाकर खाये।  जिगर की गर्मी और पीलिया में फायदा करेंगी। 10 दिन खाये। और दिल को ताकत भी देती है। 
    • ताकत के लिए :- एक किलो गाजर को कद्दूकस कर ले फिर 4 किलो दूध  पका लें। चीनी आधा किलो डाले। जब दूध सुख जाये तो एक पाव देसी गाय का घी और 5 अंडे डालकर भून ले। रोजाना 60 ग्राम खाकर ऊपर से दूध पी ले।  एक महीना खाये।  मर्दाना ताकत के लिए बढ़िया चीज है और दिमाक को भी ताकत देता है। 

    6. मूली :- 

    • दाद के लिए :- मूली के बीज ,गंधक ,आमलसार ,गूगल 20- 20 ग्राम, नीला थोथा 1 ग्राम।  सबको बारीक़ करके आधा पाव पानी में घिसकर रख दाद पर लगाए कुछ ही दिनों में दाद ठीक हो जायेगा। 
    • पेशाब के लिए :- मूली का अचार जिसमे नमक और काली मिर्च हो रोजाना खाने से तिल्ली और पेशाब लगकर और कतरा आने को फायदा करता है। 
    • बवासीर :- 20 ग्राम रसौत को खोखली मूली में भरकर मुँह बंद करके ऊपर के हिस्से को आग में भस्म कर लें। दूसरे दिन रसौत निकालकर मूली के रस में मोठे बेर के बराबर गोलियाँ बनाये एक - एक गोली सुबह -शाम पानी के साथ खाने से आराम मिलेगा।  

    नोट :- ऊपर जो भी उपचार बताया गया है वो आयुर्वेदिक व घरेलू है तो Please इसका उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले और आपको हमारी पोस्ट कैसी लगी   
    Please Comments  करके जरूर बताये। (धन्यवाद ) 




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