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मोटापा और मेनोपॉज को नियंत्रित करने के उपाय

 मोटापा और मेनोपॉज को नियंत्रित करने के उपाय 

वैसे तो उम्र का कोई भी पड़ाव हो ज्यादातर महिलाएं बढ़ते हुए मोटापे के कारण परेशान हो जाती है। लेकिन ज्यादातर कैसेज में एक खास उम्र में महिलाओं के शरीर पर फैट बढ़ता ही है। हम प्रेग्नेंसी की बात नहीं कर रहे है। 

मोटापा और मेनोपॉज को नियंत्रित करने के उपाय


महिलाओं के जीवन में एक खास वक्त ऐसा आता है, जब अधिकांश महिलाएं वैट गेन कर लेती है। ऐसा एक प्राकृतिक क्रिया के कारण होता है। अगर इस खास वक्त में खुद पर सामान्य से अधिक ध्यान दिया जाए तो इस समस्या से बचा जा सकता है। 

यह होता है परिवर्तन का समय 

एक ऐसा वक्त हर महिला के जीवन में आता है, जब नियमित दिनचर्या का पालन करने के बाद भी वह अपने बढ़ते वजन को नियंत्रित नहीं कर पाती है। महिलाओं के शरीर में हॉर्मोनल बदलाव पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक होते हैं और जल्दी-जल्दी होते है। मेनोपॉज भी एक ऐसा ही पीरियड होता है, जब महिलाओ का शरीर एक और नए तरह के बदलाव से गुजर रहा होता है। 

क्या होता है मेनोपॉज 

  • महिलाओ के शरीर में मेनोपॉज एक ऐसा वक्त होता है, जब उनका मासिक धर्म यानी पीरियड्स बंद होने की प्रक्रिया चल रही होती है। महिलाओ में पीरियड्स आमतौर पर 45 से 55 साल के बीच बंद हो जाते है। 
  • यह प्रक्रिया हर महिला के शरीर में अलग - अलग टाइम ड्यूरेशन के दौरान घटती है। यानी महिला के शरीर में मेनोपॉज की प्रक्रिया 2 साल में पूरी हो जाती है तो अन्य महिला के शरीर में यह प्रक्रिया 10 साल का वक्त भी ले सकती है। 
  • मेनोपॉज के दौरान कभी पीरियड्स आते है, कभी नहीं आते है। कभी ब्लीडिंग बहुत अधिक होती है, कभी बहुत कम ब्लीडिंग होती है। इस दौरान मूड स्विंग होना, थकान रहना, गुस्सा बहुत आना, भूख ना लगना जैसी कई समस्याएं होना आम बात है।

मेनोपॉज के बाद बढ़ा वजन कितना हानिकारक ?

  • मेनोपॉज के दौरान बड़ा वचन आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। शरीर के मध्य भाग यानी पेट, कमर और जांघों पर जमा फैट के कारण आपको कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम हो सकती है। 
  • इसमें हार्ट और ब्लड वेसल्स डिजीज, टाइप टू डायबिटीज और सांस से संबंधित रोग मुख्य रूप से शामिल है। अत्यधिक वजन कई तरह के कैंसर को भी जन्म देता है। इसमें ब्रेस्ट कैंसर, कोलन कैंसर, और एंडोमेट्रियल कैंसर ( गर्भाशय का कैंसर ) प्रमुख है। 

मेनोपॉज में क्यों बढ़ जाता है वेट ?

  • मेनोपॉज के दौरान आमतौर पर महिलाओं के पेट, हिप और थाई पर फैट अधिक मात्रा में जमा होता है। ऐसा शरीर में हो रहे हॉर्मोनल बदलाव के कारण होता है। 
  • लेकिन सिर्फ हॉर्मोनल बदलाव इस बढ़े हुए वजन का अकेला कारण नहीं होते हैं। इसमें जेनेटिक फैक्टर, बढ़ती उम्र और महिलाओं की दिनचर्या की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 
  • आमतौर पर बढ़ती उम्र के कारण हमारे शरीर की मांसपेशियों का मांस ढीला पड़ने लगता है।
  • जैसे - जैसे उम्र बढ़ती है हमारे शरीर में वसा की मात्रा बढ़ने लगती है। यह फैट मसल्स मास में भी चला जाता है। जिसके चलते मसल्स की टाइटनेस कम होने लगती है। 
  • जब हमारा मसल्स मास लूज होता है तो कैलोरी बर्न करने की हमारे शरीर की गति कम होने लगती है। यानी हमारा मेटाबोलिजम स्लो हो जाता है। इस कारण बढ़ते वजन की समस्या होती है। 

इसे कंट्रोल किया जा सकता है 

ऐसा नहीं है कि बढ़ता वजन और फूलता शरीर मेनोपॉज के दौरान होना तय है। अगर आपकी डाइट और एक्टिविटीज पर नगर रखी जाए तो थोड़ी सी सावधानी के साथ इस समस्या से बचा जा सकता है।

बदलती जरूरत को समझे 

  • मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर की न्यूट्रिशन से जुड़ी जरूरतें बदल जाती है। इस दौरान उन्हें ऑइली और फैट युक्त नहीं बल्कि एनर्जी देने वाले फूड की अधिक जरूरत होती है। शरीर की इस आवश्यकता को समझते हुए अपनी डाइट प्लान करनी चाहिए। 
  • अगर महिलाएं मेनोपॉज के दौरान भी अपनी रेग्युलर डाइट लेती रहती है, जैसे पहले लेती थी लेकिन शारीरिक गतिविधि या एक्सरसाइज नहीं करती है तो इस स्थिति में उनमें मोटापा बढ़ना तय होता है।
  • इनके अलावा जेनेटिक फैक्टर का भी बड़ा रोल होता है। अगर आप के पेरेंट्स या कॉलेज रिलेटिव के लोअर बॉडी पार्ट में हमेशा से फैट जमा रहता है तो आपने भी फैट गेन करने के चांस बढ़ जाते हैं। 

मेनोपॉज के बढ़ते वजन को ऐसे रोका जा सकता है 

  • मेनोपॉज के बाद बढ़ते वजन को नियंत्रित करने के लिए आपको कोई अलग काम नहीं करना है बल्कि रोज के कामों को कुछ अलग तरह से करना है। यानी अब तक आप जो एक्सरसाइज करती थी, उसमें कुछ और स्टेप्स और योग, डांस शामिल कर ले। 
  • महिलाओं को अपनी उम्र के 30 और 40 वें साल में जितनी कैलरीज की जरूरत होती है, जीवन के 50 वें साल में उनकी तुलना में करीब 200 कैलरी कम खाने की जरूरत होती है। 
  • इसके लिए जरूरी नहीं है कि आप अपनी डाइट कम करें, आप अपने खाने को हेल्दी और कम कैलरी वाला बना सकती है। इसके लिए फल अधिक से अधिक खाएं। हरी सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन ज्यादा करें। 

इन पर नजर रखना है जरूरी 

  • मेनोपॉज के दौरान आपको अपने बढ़ते वजन पर नियंत्रण करने के लिए अपनी मीठा खाने की आदत पर भी कंट्रोल करना होता है। यहां मीठा खाने का अर्थ केवल मिठाइयों से नहीं है। बल्कि आप जो जूस, ड्रिंक, फ्लेवर्ड वॉटर, चाय और कॉफी लेती है, वह भी शुगर की मात्रा बढ़ाती है। 
  • अगर आप ड्रिंक करते हैं तो अपनी इस आदत को थोड़ा सा सीमित करें। मेनोपॉज के दौरान ऐसा करना आपको बहुत राहत देगा। 
  • इस वक्त में महिलाएं कई बार खुद को अकेला और असहाय भी महसूस करती है। इससे तनाव और एंग्जाइटी को भी जन्म मिलता है। इन समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं। उनके साथ अपने इमोशनल बॉन्ड को मजबूत करें। 

वजन को घटाता है खीरा 

यह तो सभी जानते हैं कि थोड़ी सी एक्सरसाइज को कुछ खास फल - सब्जियां खाकर वजन घटाया जा सकता है। लेकिन फिर भी ज्यादातर लोग ऐसे तरीकों की तलाश में रहते हैं जिन्हें अपनाकर तेजी से वजन घटाया जा सके, तो एक ऐसा फल है जो आपकी मदद कर सकता है। यह फल वजन भी घटाएगा और गर्मियों में आपको ठंडा भी रखेगा। इसका नाम है खीरा, खीरा खाने से वजन जल्दी घटता है, आप इसे सलाद, सूप या स्मूदी किसी भी तरह अपने खाने में शामिल कर सकते हैं। 

किस तरह वजन घटाता है खीरा ?

वजन घटाने के लिए सबसे जरूरी है कैलोरी इनटेक में कटौती करना, इस काम में खीरा बहुत मददगार है क्योंकि इसमें न के बराबर कैलोरी होती है। एक कप कटे खीरे में सिर्फ 14 कैलोरी होती है जो कि आपकी रोजाना की जरूरत का मात्र एक फीसदी है, यही नहीं खीरे में जीरो फैट होता है, यानी कि आप जितना मर्जी हो सके उतना खीरा खा सकते हैं।

खीरे का जूस 

रोजाना अपने दिन की शुरुआत खीरे के जूस से कीजिए, इसे बनाना बहुत आसान है, इसके लिए खीरे के टुकड़ों को नींबू के रस, हरा धनिया, एलोवेरा, अदरक और पानी के साथ ब्लेंडर में डालकर अच्छी तरह ब्लेंड कर लें। अगर ज्यादा फायदा चाहते हैं तो इस जूस को रोजाना सुबह खाली पेट पीएं,  इसे पीने से वजन भी घटता है और आप पूरे दिन तरो- ताजा बने रहते हैं। 

खीरे की सलाह 

अगर आप खाने से पहले एक कप खीरा खाएंगे, तो काफी हद तक आपकी भूख शांत हो जाएगी।  लेकिन अगर आपको न्यूट्रीशन की चिंता है तो घबराइए नहीं खीरे में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट,  विटामिन और मिनरल पाए जाते हैं। 

खीरे का रायता 

खीरे का रायता टेस्टी होता है, साथ ही इसे बनाना भी आसान है। रायता बनाने के लिए खीरे को कद्दूकस कर लें और उसे दही में डालकर अच्छी तरह मिला लें। इसके बाद इसमें नमक और काली मिर्च डालें। स्वाद बढ़ाने के लिए आप किस में भुना जीरा पाउडर, बारीक कटा प्याज, टमाटर और हरा धनिया भी मिला सकते हैं। इस रायते को खाने से पहले या खाने के साथ खाएं। इससे आपको कैलोरी इनटेक भी कम होगा और वजन भी घटने लगेगा।

खीरे वाली स्मूदी 

अगर आपको स्मूदी पसंद है तो वजन घटाने के लिए खीरे की स्मूदी अच्छा ऑप्शन हो सकता है।  इसके लिए ब्लेंडर में एक कप कटा हुआ खीरा, हरे सेब, नींबू का रस और कुछ पुदीने की पत्तियां डालकर ब्लेंड कर लें। एक गिलास में आइस क्यूब डालकर इस ठंडी - ठंडी स्मूदी को पी सकते हैं। 

1 comment:

ajay said...

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