स्त्री और पुरुषों के गुप्त रोगों का सरल व सफल इलाज
शीघ्रपतन
10 ग्राम सेमल की छाल दूध में पीसकर उसमें मिश्री मिलाकर प्रतिदिन सेवन करने से शीघ्रपतन ठीक हो जाता है।
दालचीनी का पाउडर 2 ग्राम सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करने से वीर्य में वृद्धि होती है और शीघ्रपतन समाप्त हो जाता है।
इलायची दाना, जावित्री बादाम, गाय का मक्खन और शक्कर सभी को बराबर मात्रा में एक साथ मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाने से धातु पुष्ट होती है और शीघ्रपतन की शिकायत दूर हो जाती है।
धातु दुर्बलता
सुबह 23 खजूर को घी में भूनकर नियमित रूप से खाइए ऊपर से दूध में इलायची, शक़्कर और कौंच डालकर उबाल ले और ठंडा होने के बाद पीएं इससे धातु पुष्ट होती है।
धातु की दुर्बलता में अमलतास की छाल का बारीक चूर्ण 2 ग्राम लेकर उसमें 4 ग्राम शक्कर मिलाकर गाय के दूध के साथ सुबह-शाम लेने से लाभ होता है।
ताजे आंवले का रस 20 मि.ली. निकालकर उसमें शहद मिलाकर सेवन करने से धातु पुष्ट होती है।
नपुंसकता
15 ग्राम तुलसी के बीज और 30 ग्राम सफेद मूसली का पाउडर तैयार करें। फिर इसमें 60 ग्राम मिश्री पीसकर मिला लें। शीशी में भरकर रख लें। 3 से 5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करें।
सफेद प्याज का रस 20 मि,ली,, शहद 10 ग्राम, 3 मि.ली. अदरक का रस तथा 2 ग्राम घी लेकर सब को एक साथ मिलाकर 21 दिन तक लेने से नपुंसकता से मुक्ति मिल जाती है।
तिल और गोखरू को दूध में उबालकर पीने से लाभ होता है।
धातु स्राव
इलायची 50 ग्राम, मिश्री 10 ग्राम और तुलसी के 15 पत्तों की चाय बनाकर नियमित सेवन करें।
इलायची के दाने और सेकी हुई हींग का लगभग 3 रत्ती चूर्ण घी और दूध के साथ सेवन करने से पेशाब में धातु जाती हो तो उसमें लाभ होता है।
20 ग्राम उड़द की दाल का आटा लेकर उसे गाय के दूध में उबाल लें। फिर उसमें थोड़ा घी मिलाकर गुनगुना पी जाए 1 महीने तक नियमित सेवन करने से मूत्र मार्ग से होने वाला धातु स्राव बंद हो जाता है।
सुजाक
चंदन का तेल सुजाक के लिए रामबाण औषधि है। इसे 4 - 6 बूंद बताशे में रखकर सुबह - शाम खाने से 5 - 6 दिन में सुजाक ठीक हो जाता है।
रेवंद चीनी का चूर्ण 3 - 3 ग्राम सुबह-शाम ताजे जल के साथ लेने से पुराना सुजाक भी ठीक हो जाता है।
गुलाब के पत्ते 5 ग्राम लेकर रात को 250 मि.ली. पानी में भिगो दें। सुबह उसे मसलकर छानकर मिश्री मिलाकर पीने से सुजाक ठीक हो जाता है।
सेक्स शक्ति बढ़ाने हेतु
सुबह नाश्ते में एक गिलास टमाटर के रस में थोड़ा शहद मिलाकर पीने से शरीर की शक्ति बढ़ती है।
लहसुन को सेक्स शक्ति बढ़ाने और सेक्स संबंधी कमजोरी को दूर करने में बहुत उपयोगी माना जाता है। लहसुन की दो से तीन कलियां रोजाना खाने से सेक्स क्षमता बढ़ती है।
दो से चार सूखे अंजीर सुबह-शाम दूध में पकाकर खाएं और ऊपर से उसी दूध को पिए।
श्वेत प्रदर
प्रतिदिन दो - तीन केले खाने से श्वेत प्रदर की समस्या दूर होती है।
आंवले का पाउडर 3 ग्राम शहद के साथ दिन में 3 बार चाटने से लाभ होता है।
फालसे का शरबत पीने से श्वेत प्रदर में आराम मिलता है।
रक्त प्रदर
गाजर का रस, बकरी का दूध और दही को बराबर मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम पीने से रक्त प्रदर खत्म होता है।
नारियल का पानी पीने से भी रक्त प्रदर में बहुत फायदा होता है।
आम की गुठली की गिरी का चूर्ण रोजाना सुबह-शाम 2 - 3 ग्राम की मात्रा में ताजे पानी से लेने से रक्त प्रदर से छुटकारा मिल जाता है।
योनि का ढीला हो जाना
माजू कपूर और शहद एक साथ मिलाकर योनि में मिले इससे योनि संकुचित हो जाती है।
काले तिल का चूर्ण 5 ग्राम, गोखरू चूर्ण 10 ग्राम और 20 ग्राम शहद मिलाकर आधा लीटर दूध के साथ सेवन करने से ढीली योनि कुंवारी कन्या के समान हो जाती है।
अविकसित स्तन
बादाम के तेल की नियमित मालिश करने से स्तन विकसित व पुष्ट होते हैं।
अश्वगंधा और शतावरी को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। एक - एक चम्मच चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ 45 दिन तक ले। स्तन विकसित हो जाएंगे। रामबाण इलाज है।
महानारायण तेल की मसाज भी बहुत लाभकारी है।
अति स्थूल स्तन
सबसे पहले तो चर्बी बढ़ाने वाली चीजों को खाना कम कर दें जैसे :- दूध, मक्खन, मलाई, मिठाई आदि।
महानारायण तेल स्तनों पर लगाकर उंगलियों से दबाकर नीचे से ऊपर की ओर मालिश करें। मालिश के बाद गुनगुने पानी की 5 से 10 मिनट तक धार दे। स्तनों की चर्बी कम होगी।
काली गाय के दूध में सफेद मोथा पीसकर लेप करने से स्तन कठोर होते हैं।
स्तनों की सूजन
धतूरे के पत्ते और हल्दी को पीसकर स्तनों पर लेप करने से स्तनों की सूजन से छुटकारा मिलता है।
एलोवेरा के गूदे में हल्दी को मिलाकर थोड़ा गर्म करके लेप करने से सूजन दूर होती है।
अजवाइन के तेल को गुनगुना करके दो - तीन बार स्तनों पर मालिश करें। फिर ऊपर से अरंड का पत्ता बांध ले।
योनि में खुजली
नारियल के तेल में भीमसेनी कपूर मिलाकर योनि मार्ग में लगाने से खुजली दूर होती है।
केले के गूदे में आंवले का रस और मिश्री मिलाकर खाने से यह रोग ठीक हो जाता है।
योनि में खुजली होने पर तुलसी के रस का लेप लगाएं।
योनि में सूजन
योनि शोध में आंवला एक लाभप्रद नुस्खा है। 3 ग्राम आंवला तथा 6 ग्राम शहद मिलाकर प्रतिदिन एक बार लेने से योनि शोध में लाभ होता है।
चावल पकाकर मांड निकालें और गुनगुना ही पी जाए। ध्यान रखें कि मांड ज्यादा गाढ़ा ना हो मांड पीने के 1 घंटा पहले तथा 1 घंटा बाद तक कुछ भी ना ले ,
एक पके केले का छिलका 6 ग्राम देशी घी के साथ प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करने से 1 सप्ताह में योनि शोध दूर हो जाता है।
बांझपन
50 ग्राम गुलकंद में 20 ग्राम सौंफ मिलाकर चबाकर खाएं और ऊपर से एक गिलास दूध नियमित रूप से पीएं इससे बांझपन से मुक्ति मिलेगी।
मासिक धर्म की शुद्धि के बाद से 1 सप्ताह तक 2 ग्राम नाग केसर के चूर्ण को दूध के साथ सेवन करना चाहिए।
गुप्तांगों की साफ-सफाई पर ध्यान दें और खाने में जोे सहिजन, परबल, मूली, तिल का तेल आदि जरूर शामिल करें।
सेक्स के दौरान पीड़ा
सुपारी का चूर्ण 5 ग्राम घी के साथ मिलाकर खाएं और ऊपर से गाय या बकरी का दूध पिएं।
सौंफ और अरंडी की जड़ का बारीक चूर्ण पानी या घी में पीसकर लेप करने से सेक्स के दौरान दर्द में राहत मिलती है।
शुद्ध अरंडी का तेल रुई में भिगोकर योनि में लगाने से लाभ होता है।
अनियमित महावारी
खाने से पहले कोेर के साथ 2 ग्राम राई पीसकर खाने से माहवारी की सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
गाजर का सूप पीने से भी माहवारी की अनियमितता दूर होती है।
गुड़ के साथ काले तिल को पानी में उबालकर दिन में दो-तीन बार पीने से मासिक धर्म खुलकर आने लगता है।
महावारी के दौरान दर्द
माहवारी संबंधित सभी परेशानियों के निवारण के लिए गर्म पानी का सेवन अति उत्तम है। माहवारी शुरू होने के 10 दिन पहले से गरम पानी पीना शुरू कर दे।
दर्द से बचने के लिए 10 ग्राम बादाम रात में पानी में भिगोकर रख दें। सुबह छिलका निकाल कर खाली पेट सेवन करें।
मासिक धर्म के दौरान कमर में दर्द हो तो बरगद का दूध निकालकर कमर पर सुबह-शाम लेप करें।
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