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Natural and Home Remedies of Skin Disease | चर्म रोग के प्राकृतिक एवं घरेलू उपचार

 चर्म रोग के प्राकृतिक एवं घरेलू उपचार



 चर्म रोग शरीर की त्वचा के ऊपर होने वाले दाद , खाज, खुजली और फोड़े -फुंसियाँ होते है। चर्म रोग का शरीर में कोई भी लक्षण दिखाई दे तो समय पर चर्म रोग का प्राकृतिक एवं घरेलू उपचार करवा लेना चाहिए। चर्म रोग अस्थाई बीमारी है जो हमारे त्वचा पर होने के बाद धीरे-धीरे पुरे शरीर पर होने लगती है तो आज हम चर्म रोग होने के कारण यानि की चर्म रोग हमारे शरीर में क्यों होते है, किस कारण होते है, उन सब कारणों के बारे में और चर्म रोग के प्राकृतिक एवं घरेलू उपचार (Natural and Home Remedies of Skin Disease) के बारे में बात करेंगे   

चर्म रोग के लक्षण 

इस रोग में पीड़ित रोगी की त्वचा पर सूजन हो जाती है तथा उसके फोड़े- फुंसियां निकलने लगते हैं। रोगी व्यक्ति को खुजली तथा दाद हो जाता है और उसके शरीर पर छोटे छोटे लाल या पीले दाने निकल आते हैं। 

चर्म रोग होने का कारण 

  • चर्म रोग होने का सबसे प्रमुख कारण शरीर में दूषित द्रव्य का जमा हो जाना होता है। 
  • चर्म रोग कभी भी स्थानीय नहीं होते बल्कि अन्य लोगों की तरह यह भी शरीर के अंदर खराबी और गंदगी के कारण होते हैं। 
  • चर्म रोग भूख से अधिक भोजन करने, संतुलित भोजन ना करने, उचित तथा नियमित व्यायाम न करने, आराम ना करने, अच्छी तरह से नींद लेने के कारण होता है। 
  • चाय-कॉफी व नशीली वस्तुओं का अधिक सेवन करने के कारण भी यह रोग हो सकता है। 
  • रोगी व्यक्ति के वस्त्रों को पहने तथा उसके द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों का उपयोग करने से भी चर्म रोग हो जाता है। 
  • मानसिक तनाव, चिंता के कारण भी चर्म रोग हो सकते हैं। 
  • गीले वस्त्र तथा अतिक्रमण स्तर पहनने के कारण भी चर्म रोग हो जाते हैं। 
  • शरीर की अच्छी तरह से सफाई न करने के कारण भी चर्म रोग हो जाते हैं।  
  • कब्ज,सिर दर्द,पेचिश आदि अन्य रोगों के कारण भी चर्म रोग हो सकते हैं।  
  • अधिक गर्म या ठंडे मौसम के कारण भी चर्म रोग हो जाते हैं। 
  • पाचन तंत्र( Immunity System ) तथा Liver सही से काम ना करने या Liver  में खराबी आ जाने के कारण चर्म रोग हो जाते हैं। 
  • जिस व्यक्ति के पेट में कीड़े होते हैं उसे भी चर्म रोग हो जाते हैं। 

चर्म रोगों का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार 

  • इस रोग से पीड़ित रोगी को कम से कम 7 दिनों तक फल व हरी सब्जिया जैसे:- गाजर, ककड़ी, पालक, पत्ता गोभी ,सफेद पेठा आदि फलों का रस पीना चाहिए और उपवास रखना चाहिए। फिर कुछ दिनों तक बिना पका हुआ भोजन जैसे:- सलाद अंकुरित खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। 
  • करेले के रस में नींबू का रस मिलाकर पीने से कुछ ही दिनों में चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। 
  • मेथी दाना को पानी में कम से कम 10 घंटे तक भिगोकर रख लें इस पानी को सुबह के समय में प्रतिदिन पीने से कुछ ही दिनों में चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। 
  • प्रतिदिन सुबह के समय में तुलसी की पत्तियां तथा अंजीर खाने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। 
  • नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर उस पानी से स्नान करें तथा नीम के पानी में एनिमा क्रिया करें। इस प्रकार से प्रतिदिन उपचार करने से चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। चर्म रोग से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन कुंजल तथा शंख प्रक्षालन क्रिया करनी चाहिए। इससे इसके साथ-साथ कुछ आसान और योगिक क्रिया करने से भी रोगी को बहुत अधिक लाभ मिलता है। 
  • इसरो को ठीक करने के लिए कई प्रकार के आसन तथा यौगिक क्रियाएं हैं जिन्हें प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करने के साथ-साथ करने से चर्म रोग जल्दी ही ठीक हो जाते हैं यह आसन तथा योगी के इस प्रकार है सर्व आकर्षण मत्स्यासन सूर्य नमस्कार योग निद्रा जालंधर उद्यानबंध शीतली कपालभाति अनुलोम विलोम तथा नाड़ी शोधन भस्त्रिका आदि। 
  • प्रतिदिन सूर्य तप्त हरी बोतल का पानी पीने तथा उसका तेल त्वचा पर लगाने से चर्म रोग जल्दी ठीक हो जाते हैं। 
  • यदि रोगी व्यक्ति खाज पर तुलसी का रस या फिर नींबू का रस लगाए तो उसे अधिक लाभ मिलता है इसके फलस्वरूप खाज भी ठीक हो जाती है। 
  • नींबू के रस को नारियल के तेल में मिलाकर प्रतिदिन त्वचा पर लगाने से कई प्रकार के चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। 
  • यदि चेहरे पर किसी प्रकार के फोड़े- फुंसियां है तो तुलसी की कुछ पत्तियों को पानी में उबालकर इस पानी से चेहरे को धोएं इस क्रिया को दिन में कम से कम 3 बार करने से चेहरे के फोड़े फुंसी ठीक हो जाती है। 
  • फोड़े के ऊपर बर्फ बांधने से फोड़े का दर्द तथा सूजन कम हो जाती है। फ़ोड़े की सिंकाई करके उस पर मिट्टी लेप करने से दर्द में आराम मिलता है। 
  • फोड़े पर हल्दी का लेप लगाने या फिर नमक मिले पानी से फोड़े को धोने से फोड़ा पककर फूट जाता है और जल्दी ठीक हो जाता है। 
  • नारियल के तेल में कपूर मिलाकर दाद या खाज पर लगाने से लाभ होता है। 
  • दाद तथा खाज पर पुदीने का रस लगाने से यह जल्दी ठीक हो जाते हैं। 
  • दाद पर गर्म ठंडा सेक करें मिट्टी की पट्टी लगाने से दाद ठीक हो जाते हैं।
  • मस्से पर कच्चा आलू या कच्चा प्याज काट कर दो सप्ताह तकदिन में चार बार लगाने से लाभ होता है।  
  • यदि किसी व्यक्ति को फोड़ा हो गया है तो उस पर पान का पत्ता गर्म करके या फिर अरंडी का तेल लगा कर रात भर किसी पट्टी से बांध ले इससे थोड़ा जल्दी पककर फूट जाएगा तथा उसके अंदर की मवाद बाहर आ जाएगी और कुछ ही दिनों में फोड़ा ठीक हो जाएगा। 
  • 2 बड़े चम्मच अजवायन को पीसकर चूर्ण बना लें और फिर इसे दही में मिलाकर पेस्ट बना लें इस पेस्ट को सोते समय चेहरे पर लगा ले और सुबह के समय में गुनगुने पानी से चेहरे को धो लें इससे चेहरे के फोड़े-फुंसियां तथा मुहांसे ठीक हो जाते हैं। 
  • इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को तेल, खटाई, मसालेदार व नशीली चीजों आदि अम्लकारक खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे चर्म रोग और बढ़ने लगते हैं।  
  • चर्म रोग से पीड़ित रोगी को धूप में बैठकर अपने शरीर पर शुद्ध सरसों के तेल की मालिश करनी चाहिए और उसके बाद रगड़ -रगड़ के ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए इस प्रकार से प्रतिदिन उपचार करने से यह रोग कुछ ही दिनों में ठीक हो जाता है। 
  • चरम रोग होने का सबसे प्रमुख कारण पेट के रोग है इसलिए इस रोग का उपचार करने के लिए रोगी व्यक्ति को सादा और बिना चिकनाई वाले भोजन का सेवन करना चाहिए। इसके बाद चेहरे के मुहांसों का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार करना चाहिए। 
  • चोकर सहित आटे की रोटी, दही और मठ्ठे आदि का सेवन करने से चर्म रोग से पीड़ित व्यक्ति को बहुत अधिक लाभ मिलता है। 
  • चर्म रोग से पीड़ित रोगी को कुछ दिनों तक प्रतिदिन एक से दो बार गीली मिट्टी की पट्टी का आधे-आधे घंटे तक लेप करना चाहिए। यदि रोगी को कब्ज हो तो कब्ज को दूर करने के लिए प्राकृतिक चिकित्सा से इलाज करना चाहिए तथा 24 घंटे में एक बार एनिमा लेना चाहिए। 
  • संतरे का छिलका पानी में पीसकर दिन में तीन बार चेहरे पर मलने से चेहरा साफ हो जाता है। 
  • दही में काली चिकनी मिट्टी को मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को रात के समय चेहरे पर लगाकर सो जाए। फिर इसके बाद सुबह के समय में उठकर चेहरे को धो लें। इस प्रकार यह क्रिया कुछ ही दिनों तक करने से चर्म रोग जल्दी ठीक हो जाते हैं। 

#महत्वपूर्ण जानकारी 

  • चर्म रोग से पीड़ित रोगी को चीनी, रिफाइंड में बने खाद्य पदार्थ, चाय, कॉफी आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। 
  • चर्म रोग से पीड़ित रोगी को एक बात का ध्यान रखना चाहिए की उसका मूत्र साफ़ होता रहे , त्वचा से पसीना निकलता रहे, फेफड़े ठीक काम करते रहे और कब्ज न होने दे। 
  • चर्म रोग से पीड़ित रोगी को भोजन में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। 

नोट :- पोस्ट में दिए गये नुस्ख़े, घरेलू उपचार का उपयोग करने से पूर्व अपने वैद्य या डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। उनके खुराक, मात्रा, पथ्य-अपथ्य की जानकारी लेकर निर्देशानुसार विधि से सेवन करे।   

1 comment:

unknown said...

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